शेयर बाजार में भारी गिरावट! ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में क्रैश

शेयर बाजार में भारी गिरावट! ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में क्रैश
Last Updated: 5 घंटा पहले

भारतीय शेयर बाजार ने सतर्क शुरुआत की, सुबह निफ्टी 50 0.25% और सेंसेक्स 0.09% ऊपर थे, लेकिन 10:30 बजे तक दोनों में गिरावट आई, सेंसेक्स 1.05% और निफ्टी 0.81% गिरा।

Stock Market Crash: शेयर बाजार के विशेषज्ञों का कहना था कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद वैश्विक बाजारों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। भारतीय शेयर बाजार ने कुछ ऐसा ही रुझान दिखाया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब 1 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, ट्रंप ने अभी तक चीन और अन्य देशों पर सख्त टैरिफ लगाने का कोई ऐलान नहीं किया है, लेकिन इस आशंका का असर बाजारों पर लगातार बना हुआ है।

भारतीय शेयर बाजार का शुरुआती हाल

भारतीय शेयर बाजार ने शुरुआत में सतर्क रुख अपनाया। सुबह 9:18 बजे तक निफ्टी 50 0.25 फीसदी और बीएसई सेंसेक्स 0.09 फीसदी ऊपर थे। प्री-ओपन के समय, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स 188 अंक या 0.24 फीसदी बढ़कर 77,261 पर था, जबकि एनएसई निफ्टी 50 76 अंक या 0.33 फीसदी बढ़कर 23,421 पर था। लेकिन 10:30 बजे तक सेंसेक्स में 812.40 अंक यानी 1.05 फीसदी की गिरावट आई, जबकि निफ्टी में 189.20 अंक यानी 0.81 फीसदी की गिरावट आई।

ट्रंप के आर्थिक रुख पर अनिश्चितता

बाजार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप 2.0 ने अपने संभावित आर्थिक फैसलों पर स्पष्टता नहीं दी है। कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ बढ़ाने का संकेत दिया है, लेकिन इस नीति को धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। मुद्रा बाजार ने डॉलर सूचकांक में 108.43 की गिरावट दर्ज की, और 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड घटकर 4.54 प्रतिशत हो गई है। यह "अफवाहों पर खरीदें, समाचार पर बेचें" का क्लासिक उदाहरण है।

भारत के लिए क्या मायने रखता है? 

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि टैरिफ वृद्धि में और देरी होती है, तो डॉलर कमजोर होगा और बॉन्ड यील्ड में कमी आएगी, जो भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए सकारात्मक हो सकता है। एनएसई पर 12 में से सात सेक्टरों में तेजी रही, जिनमें निफ्टी आईटी और निफ्टी फार्मा मंगलवार को सबसे ज्यादा चढ़े। वहीं, निफ्टी रियल्टी और पीएसयू बैंक में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।

विदेशी और घरेलू निवेशकों की स्थिति

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 20 जनवरी को 4,336 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 4,322 करोड़ रुपये के इक्विटी खरीदे। इस बारीकी से देखे गए आंकड़ों से बाजार की दिशा को समझने में मदद मिलती है।

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