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ट्रंप की नीतियों के खिलाफ अमेरिका में उबाल, हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर, जानिए पूरा मामला

ट्रंप की नीतियों के खिलाफ अमेरिका में उबाल, हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर, जानिए पूरा मामला
अंतिम अपडेट: 1 घंटा पहले

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी आर्थिक नीतियों, संघीय नौकरियों में कटौती और नागरिक स्वतंत्रताओं के उल्लंघन पर नाराज हैं।

Donald Trump protests: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज़ी से बढ़ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे जनता की बढ़ती नाराजगी को एक बड़े आंदोलन में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। 19 अप्रैल को, हजारों लोग सड़कों पर उतरे और ट्रंप सरकार की नीतियों का विरोध किया। हालांकि, इस बार की भीड़ पिछले प्रदर्शनों के मुकाबले थोड़ी कम थी, जिनमें न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और शिकागो जैसे प्रमुख शहर शामिल थे।

Protests Across Major Cities: न्यूयॉर्क से लॉस एंजिल्स तक

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के प्रमुख शहरों जैसे जैक्सनविल (फ्लोरिडा) से लेकर लॉस एंजिल्स तक लगभग 400 रैलियां आयोजित की गई थीं। प्रदर्शनकारियों ने संघीय नौकरियों में कटौती, आर्थिक नीतियों और नागरिक स्वतंत्रताओं के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की। उनका मानना है कि ट्रंप प्रशासन कानून के शासन को कमजोर कर रहा है और आम नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।

Why are People Protesting? ट्रंप की नीतियों से असंतोष

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग यह है कि ट्रंप सरकार के तानाशाही रवैये से देश के लोकतंत्र को बचाया जाए। आंदोलन के प्रवक्ता हीदर डन ने कहा कि यह शांतिपूर्ण विरोध है और इसका उद्देश्य संविधान की रक्षा करना है। उनका कहना है कि इस आंदोलन में विभिन्न राजनीतिक विचारधारा वाले लोग शामिल हैं, जैसे डेमोक्रेट, रिपब्लिकन और इंडिपेंडेंट, लेकिन सबका एक ही सपना है— एक ईमानदार सरकार जो लोगों की भलाई को सबसे पहले रखे।

Key Issues of Concern: ट्रंप की नीतियों से परेशान लोग

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा ट्रंप की टैरिफ नीतियों, अर्थव्यवस्था पर उनके फैसलों और बेरोजगारी में बढ़ोतरी को लेकर है। इसके अलावा, सरकारी नौकरियों में छंटनी, मानवाधिकारों पर सवाल, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी भी विरोध का कारण बने हैं। कई लोग ट्रंप और एलन मस्क की नीतियों को देश के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं, और उनकी आप्रवासन नीतियों में बदलाव ने भी विरोध को बढ़ावा दिया है।

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