तमिलनाडु की राजनीति एक बार फिर राष्ट्रीय पटल पर चर्चा का केंद्र बन गई है। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने का ऐलान कर दिया है।
NDA Tamil Nadu: तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला है। एक बार फिर से AIADMK और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने पुराने रिश्तों को पुनर्जीवित करते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में साथ चलने का ऐलान कर दिया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब राज्य में 2026 के विधानसभा चुनावों की आहट सुनाई देने लगी है। शुक्रवार देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस गठबंधन को औपचारिक रूप से स्वागत करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी एकजुटता का संदेश दिया।
मोदी का मिशन तमिलनाडु: DMK को सत्ता से बेदखल करने की तैयारी
प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट में लिखा, तमिलनाडु की प्रगति और महान तमिल संस्कृति के संरक्षण के लिए यह बेहद आवश्यक है कि भ्रष्ट और विभाजनकारी DMK सरकार को जल्द से जल्द उखाड़ फेंका जाए। NDA का गठबंधन राज्य में ऐसी सरकार लाने का प्रयास करेगा, जो MGR और अम्मा (जयललिता) के आदर्शों को साकार कर सके। मोदी के इस ट्वीट से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि बीजेपी और AIADMK मिलकर DMK को सत्ता से बाहर करने की ठोस रणनीति बना चुके हैं।
शाह की मुहर, नागेंद्रन की कमान
इस सियासी घटनाक्रम की नींव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रखी थी। शुक्रवार को उन्होंने औपचारिक रूप से AIADMK के NDA में शामिल होने की घोषणा करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने की बात कही। वहीं, बीजेपी ने तमिलनाडु में पार्टी की कमान नयनार नागेंद्रन को सौंपी है, जो अपने जमीनी पकड़ और सांगठनिक कौशल के लिए जाने जाते हैं।
2021 में हुआ था साथ, 2023 में ब्रेकअप
गौरतलब है कि AIADMK और बीजेपी पहले भी 2021 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर चुके हैं। उस वक्त बीजेपी ने 4 सीटें जीतकर दक्षिण भारत में अपनी राजनीतिक मौजूदगी दर्ज कराई थी। हालांकि, 2023 में मतभेदों के चलते दोनों पार्टियों के रास्ते अलग हो गए थे। लेकिन अब एक बार फिर से यह गठबंधन नए ऊर्जा के साथ मैदान में उतरने को तैयार है।
तमिलनाडु की सियासत हमेशा से अलग धारा में बहती रही है, जहां राष्ट्रीय पार्टियों को मजबूत पैठ बनाना आसान नहीं रहा। लेकिन अब AIADMK और बीजेपी का मिलन उस समीकरण को बदल सकता है, जो दशकों से DMK के पक्ष में रहा है।