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निशिकांत दुबे विवाद के बीच धनखड़ का संदेश- सांसद ही संविधान के मालिक

निशिकांत दुबे विवाद के बीच धनखड़ का संदेश- सांसद ही संविधान के मालिक
अंतिम अपडेट: 2 घंटा पहले

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद सर्वोच्च है, सांसद संविधान के अंतिम मालिक हैं और 1977 में आपातकाल लगाने वाले प्रधानमंत्री को जनता ने जवाबदेह ठहराया था।

New Delhi: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) की आलोचना के बाद, देश की राजनीति में एक नई बहस ने जन्म ले लिया है। इस विवाद के बीच उपराष्ट्रपति (Vice President) जगदीप धनखड़ का बड़ा और स्पष्ट बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने संसद को ही देश का सर्वोच्च संस्थान करार दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि "संसद सर्वोच्च है और सांसद ही संविधान के अंतिम मालिक हैं, उनसे ऊपर कोई प्राधिकरण (Authority) नहीं हो सकता।"

ऐतिहासिक संदर्भ में इमरजेंसी का उदाहरण

धनखड़ ने 1977 की ऐतिहासिक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि “एक प्रधानमंत्री जिसने देश में आपातकाल (Emergency) लागू किया था, उसे जनता ने चुनावों के माध्यम से जवाबदेह (Accountable) ठहराया। यह इस बात का प्रमाण है कि संविधान (Constitution) लोगों का है और उसकी रक्षा करना संसद की जिम्मेदारी है।”

सांसद हैं संविधान के अंतिम संरक्षक

धनखड़ ने आगे कहा कि “निर्वाचित सांसद (Elected MPs) ही संविधान के असली संरक्षक हैं। संविधान में कहीं यह नहीं कहा गया कि संसद से ऊपर कोई और निकाय (Body) हो सकता है। संसद की सर्वोच्चता का सिद्धांत न केवल कानूनी है, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा भी है।”

विवाद क्यों हुआ?

आपको बता दें कि, इस बयान की टाइमिंग इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि कुछ दिन पहले ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने (Supreme Court) सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर नाराज़गी जताई थी जिसमें (Waqf Act) वक्फ कानून को लेकर सवाल उठाए गए थे। दुबे ने कहा था कि "अगर सारे फैसले (Court) अदालत ही करेगी तो संसद को बंद कर देना चाहिए।"

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