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Pahalgam Attack: पाहलगाम हमले पर शाही इमाम की कड़ी प्रतिक्रिया, पाकिस्तान पर आरोप

Pahalgam Attack: पाहलगाम हमले पर शाही इमाम की कड़ी प्रतिक्रिया, पाकिस्तान पर आरोप
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा, "बेगुनाहों की हत्या बर्दाश्त नहीं की जा सकती।"

Pahalgam Attack: जम्मू के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और दिल्ली की जामा मस्जिद में भी इस हमले के खिलाफ श्रद्धांजलि दी गई। जामा मस्जिद के शाही इमाम, सैयद अहमद बुखारी ने पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा कि बेगुनाहों का कत्ल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा भेजे गए आतंकियों के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी और पूरी दुनिया में चल रहे संघर्षों पर अपनी चिंता जताई।

पाकिस्तान के कृत्यों से मुसलमानों को शर्मिंदगी

शाही इमाम ने कहा कि पाकिस्तान से भेजे गए आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों के कारण भारत के मुसलमानों को शर्मिंदा होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इस कृत्य से न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान के मुसलमानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने पाकिस्तान के नेताओं से यह सवाल किया कि क्या पाकिस्तान भारत के मुसलमानों के दर्द का समाधान कर सकता है?

आतंकवाद और युद्ध का कोई हल नहीं

सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि आतंकवाद और युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध और आतंकवाद ने इराक और सीरिया को तबाह कर दिया है, और अब यही हालात पूरी दुनिया में बन रहे हैं। वह यह मानते हैं कि किसी भी तरह का आतंकवाद पूरी इंसानियत के लिए खतरनाक है।

कश्मीर में एकजुटता और इंसानियत की मिसाल

इमाम ने कश्मीर की जनता का भी जिक्र किया, जिन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ अपने घरों में हिंदू मेहमानों को पनाह दी और उनके लिए व्यवस्था की। कश्मीरी आवाम ने आतंकवाद का विरोध किया और जुलूस निकाले। उन्होंने कहा कि यह पूरी इंसानियत के लिए एक बड़ा संदेश है कि एक इंसान का कत्ल पूरी इंसानियत का कत्ल होता है।

शांति की आवश्यकता

इमाम ने कहा कि भारत में हिंदू-मुसलमान के बीच नफरत फैलाने का समय नहीं है। इस समय हमें देश के लिए एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का समर्थन नहीं किया जा सकता और यह हमारे धर्म और संस्कृति के खिलाफ है।

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