प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच रणनीतिक सहयोग को नई गति देने पर जोर दिया गया।
नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच शुक्रवार को महत्वपूर्ण बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई गति देने पर ध्यान केंद्रित किया। उल्लेखनीय है कि उर्सुला वॉन डेर लेयेन ‘ईयू कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स’ यानी 27 सदस्य देशों के वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ भारत की यात्रा पर आई हैं। इस मुलाकात में रक्षा, सुरक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की दिशा में चर्चा की गई।
भारत से जापान और दक्षिण कोरिया जैसी सुरक्षा साझेदारी चाहता EU
यूरोपीय संघ ने भारत के साथ जापान और दक्षिण कोरिया की तरह ही सुरक्षा साझेदारी विकसित करने की इच्छा जताई है। वॉन डेर लेयेन ने एक प्रमुख थिंक टैंक को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक शक्ति संतुलन में लगातार बदलाव हो रहा है, जिससे भारत और यूरोप के लिए एक नए दृष्टिकोण से अपनी रणनीतिक साझेदारी को पुनर्परिभाषित करने का अवसर मिला हैं।
उन्होंने कहा, "भारत अपने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने और सैन्य आपूर्ति शृंखला में विविधता लाने पर कार्य कर रहा है। यूरोपीय संघ इस प्रक्रिया में एक विश्वसनीय सहयोगी बन सकता हैं।"
साल के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सहमति
बैठक में दोनों पक्षों ने इस वर्ष के अंत तक भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने पर भी सहमति जताई। यह समझौता व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और ईयू के रिश्तों को स्वाभाविक साझेदारी करार देते हुए कहा कि यह सहयोग दोनों पक्षों के दीर्घकालिक विकास और स्थिरता के लिए आवश्यक हैं।
IMEEC को आगे बढ़ाने पर सहमति
बैठक में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEC) को लेकर भी ठोस कदम उठाने पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना को वैश्विक व्यापार और सतत विकास के लिए एक महत्वपूर्ण इंजन बताया। उन्होंने कहा, "IMEEC न केवल भारत और यूरोप बल्कि पूरी दुनिया के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा।"
यूरोपीय संघ और भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को लेकर भी सहमत दिखे। वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यह क्षेत्र वैश्विक शक्ति संतुलन के केंद्र में है और भारत तथा यूरोप को मिलकर इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। भारत और ईयू के बीच बढ़ते सहयोग को देखते हुए यह बैठक दोनों पक्षों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुई।