प्रयागराज-रायबरेली हाईवे के चौड़ीकरण में तेजी लाने के लिए एनटीपीसी से राख की मांग प्रयागराज-रायबरेली राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण में तेजी लाने के लिए, रायबरेली जिला प्रशासन ने एनटीपीसी ऊंचाहार से राख की आपूर्ति की मांग की है। मिट्टी की कमी के कारण निर्माण कार्य में देरी आ रही थी, लेकिन राख की आपूर्ति से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
Prayagraj: महाकुंभ की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक प्रयागराज-रायबरेली राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण कार्य में मिट्टी की कमी के कारण बाधा उत्पन्न हो रही है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने इस समस्या का समाधान करने के लिए रायबरेली की डीएम हर्षिता माथुर से एनटीपीसी ऊंचाहार की राख की आपूर्ति कराने को कहा है। आशा है कि राख की आपूर्ति शीघ्र ही शुरू हो जाएगी, जिससे इस परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ सकेगा।
नवंबर 2024 तक पूरा करने का उद्देश्य
इस प्रोजेक्ट को नवंबर 2024 तक पूरा करने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। प्रयागराज से रायबरेली तक जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार और आनापुर में कुल 24.14 किमी का बाईपास और सई नदी पर पुल का निर्माण हो रहा है। नवाबगंज से मलाक हरहर तक अधिक ट्रैफिक की वजह से लगभग 8.5 किमी तक हाईवे को फोरलेन की बजाय सिक्सलेन में परिवर्तित किया जा रहा है।
लालगोपालगंज से नवाबगंज तक सड़क 18 किमी तक फोरलेन के रूप में विकसित की जा रही है। प्रयागराज से रायबरेली तक कुल 106 किमी हाईवे को चौड़ा किया जा रहा है। इस हाइवे के माध्यम से लखनऊ के साथ-साथ बरेली, मुरादाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ-साथ उत्तराखंड से आने वाले श्रद्धालुओं को भी काफी सुविधा मिलेगी।
लवायन में गंगा पर पांटून पुल
महाकुंभ की तैयारी में अहम कदम महाकुंभ के आयोजन को देखते हुए, लवायन गांव के पास गंगा नदी पर पांटून पुल बनाने का प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पुल रिंग रोड को जोड़ने का काम करेगा, जिससे कुंभ मेले के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके।
इसके निर्माण के लिए अतिरिक्त पांटून की आवश्यकता होगी, जिसके लिए स्वीकृति मिल चुकी है। अभी तक, 30 पांटून पुल के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है। एसडीएम कुंभ मेला, विवेक शुक्ला ने बताया कि यह पुल झूंसी से आने वाले वाहनों को सीधे अरैल की तरफ मोड़ने में सहायक होगा, जिससे यातायात जाम से बचा जा सकेगा।
बनेगी रिवर फ्रंट जैसी सड़कें
रिवर फ्रंट जैसी सड़कों का डामरकरण नहीं किया जाएगा, बल्कि इनका इंटरलॉकिंग कार्य किया जाएगा। यह निर्णय बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मंगलवार को मंडलायुक्त ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की, जिसमें इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने परियोजना के कार्य को समय पर पूरा करने के निर्देश भी दिए।