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विझिनजम बंदरगाह पर पहुंचा दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज ‘MSC इरिना’, जानिए इसकी खासियत

विझिनजम बंदरगाह पर पहुंचा दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज ‘MSC इरिना’, जानिए इसकी खासियत

दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज ‘MSC Irina’ का केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर आगमन न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक समुद्री परिवहन के लिहाज से भी एक ऐतिहासिक क्षण है।

तिरुवनंतपुरम: भारत के समुद्री व्यापार इतिहास में 10 जून 2025 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया, जब दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज 'MSC इरिना' पहली बार भारत के विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर लंगर डाले हुए नजर आया। इस जहाज की आगमन ने न केवल भारत बल्कि संपूर्ण दक्षिण एशिया के समुद्री बुनियादी ढांचे के विकास और उसकी क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया है।

फुटबॉल मैदान से चार गुना बड़ा जहाज, इतिहास रचता बंदरगाह

399.9 मीटर लंबा और 61.3 मीटर चौड़ा 'MSC इरिना' एक अल्ट्रा लार्ज कंटेनर वेसल (ULCV) है जो 24,346 टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) कंटेनर ले जाने की क्षमता रखता है। टीईयू एक ऐसा मापदंड होता है जिससे कंटेनरों की संख्या मापी जाती है। यह जहाज फीफा द्वारा मान्य एक फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है, जो इसकी विशालता को दर्शाता है।

‘MSC इरिना’ को मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था और यह अप्रैल 2023 से अपनी व्यावसायिक यात्रा कर रहा है। इस जहाज ने OOCL स्पेन को पछाड़ते हुए विश्व का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज बनने का गौरव हासिल किया।

विझिनजम पोर्ट के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि

केरल के तट पर स्थित विझिनजम पोर्ट, जिसे 2 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था, अब दक्षिण एशिया में अल्ट्रा लार्ज जहाजों को संभालने वाला एक प्रथम श्रेणी का गेटवे बन चुका है। इस बंदरगाह पर ‘MSC इरिना’ का आगमन इस बात का प्रमाण है कि भारत अब वैश्विक समुद्री ट्रांसशिपमेंट के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाने की क्षमता रखता है।

अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड द्वारा विकसित इस पोर्ट ने पहले भी MSC तुर्किये और MSC मिशेल कैपेलिनी जैसे बड़े जहाजों की मेजबानी की है, लेकिन ‘MSC इरिना’ का आगमन इस सिलसिले में सबसे अहम पड़ाव माना जा रहा है।

पारंपरिक जल सलामी से हुआ स्वागत

सोमवार सुबह 8 बजे जब ‘MSC इरिना’ ने विझिनजम पोर्ट के जलक्षेत्र में प्रवेश किया, तो उसका पारंपरिक जल तोपों से सलामी देकर भव्य स्वागत किया गया। यह दृश्य देखने के लिए प्रशासनिक अधिकारी, बंदरगाह कर्मी और आम लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे। यह पल न केवल बंदरगाह के लिए गौरवपूर्ण था, बल्कि भारत के व्यापारिक और रणनीतिक भविष्य की नई दिशा का प्रतीक भी था।

MSC इरिना: तकनीक और ताकत का संगम

यह जहाज लाइबेरियाई झंडे के तहत पंजीकृत है और इसकी खास बात यह है कि यह 26 स्तरों तक कंटेनर स्टैक कर सकता है, जो इसे अपनी श्रेणी में अद्वितीय बनाता है। यह जहाज विशेष रूप से एशिया और यूरोप के बीच भारी मात्रा में माल परिवहन के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे न केवल लॉजिस्टिक्स की दक्षता में वृद्धि होती है बल्कि भारत जैसे देशों के लिए नए व्यापारिक अवसर भी खुलते हैं।

अदाणी पोर्ट्स के एमडी करण अदाणी ने इस मौके पर कहा, हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज ‘MSC इरिना’ अब भारत की धरती पर है। यह सिर्फ विझिनजम पोर्ट के लिए नहीं, बल्कि भारत के वैश्विक समुद्री केंद्र के रूप में उभरने के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। करण अदाणी ने यह भी बताया कि विझिनजम पोर्ट आने वाले वर्षों में एशिया के सबसे प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब में बदल जाएगा।

भारत के लिए क्या है इसका महत्व?

भारत की भौगोलिक स्थिति एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बीच महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों के मध्य है। ऐसे में विझिनजम जैसे गहरे पानी वाले बंदरगाह का विकास और उसमें विशाल जहाजों की आमद, भारत को लॉजिस्टिक्स सुपरपावर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। इस बंदरगाह की गहराई, बिना टाइड रुकावट, और निकटता से अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट्स, इसे सिंगापुर, दुबई और कोलंबो जैसे ट्रांसशिपमेंट हब्स का मजबूत विकल्प बनाते हैं।

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