ब्राजील जुलाई में अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है, जिसका आयोजन रियो डी जेनेरियो में होगा। इस बार का सम्मेलन खास तौर पर चर्चा में है, क्योंकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स को "मृत" करार दिया था।
साओ पाउलो: ब्राजील 6 और 7 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। ब्राजील सरकार के अनुसार, यह सम्मेलन विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सहयोग, वैश्विक शासन सुधार, और ग्लोबल साउथ देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित होगा। इस शिखर सम्मेलन की खास बात यह है कि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाल ही में ब्रिक्स को "मृत" करार देने के बाद पहली बार आयोजित किया जा रहा है। ऐसे में अमेरिका और ब्रिक्स के बीच तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही हैं।
पिछले ब्रिक्स सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने संगठन के विस्तार और ब्रिक्स देशों के बीच अपनी करेंसी में व्यापार करने की घोषणा की थी, जिससे अमेरिका को बड़ा झटका लगा था। इसके बाद से ही अमेरिका इस संगठन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
ब्रिक्स का विस्तार: नई शक्तियों का उभरता गठबंधन
ब्रिक्स (BRICS) की स्थापना 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने की थी, जिसके बाद 2010 में दक्षिण अफ्रीका भी इसमें शामिल हुआ। पिछले साल, इस समूह ने अपने प्रभाव को और मजबूत करते हुए ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को भी सदस्यता दी। अब, सऊदी अरब को भी इस संगठन में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है। इसके अलावा, तुर्किये, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्यता के लिए आवेदन किया हैं।
कई अन्य देश भी ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं, जिससे यह समूह वैश्विक स्तर पर बढ़ती बहुपक्षीय शक्ति का प्रतीक बनता जा रहा है। ब्राजील सरकार के अनुसार, आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में साझेदार देशों को भाग लेने का निमंत्रण दिया गया है। यदि मौजूदा सदस्यों के बीच आम सहमति बनती है, तो ये देश अन्य महत्वपूर्ण बैठकों में भी हिस्सा ले सकते हैं।
ब्रिक्स और अमेरिका के बीच बढ़ता आर्थिक टकराव
ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा ने आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर कहा, "हम विकास, सहयोग और ब्रिक्स देशों के सभी लोगों के जीवन में सुधार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे।" इस बयान से साफ है कि ब्रिक्स अब वैश्विक आर्थिक संरचना में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स को कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा कि अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने के लिए किसी तरह की योजना बनाते हैं, तो अमेरिका उनके खिलाफ 100 प्रतिशत शुल्क (टैरिफ) लगाएगा।