डोनाल्ड ट्रंप ने विवेक रामास्वामी और एलन मस्क को अपने प्रशासन में एक काल्पनिक विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE), का प्रमुख बनाने की घोषणा की है। बता दें हाल के समय में विवेक रामास्वामी और एलन मस्क ने अमेरिकी राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई हैं।
वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप ने विवेक रामास्वामी और एलन मस्क को अपने प्रशासन में एक काल्पनिक विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE), का प्रमुख बनाने की घोषणा की है। विवेक रामास्वामी और एलन मस्क दोनों ही अपनी-अपनी फील्ड में अहम हस्तियां हैं। विवेक रामास्वामी एक सफल उद्यमी और राजनेता हैं और एलन मस्क टेस्ला, स्पेसएक्स जैसे इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स के लिए जाने जाते हैं। रामास्वामी अमेरिकी राजनीति में नौकरशाही और सरकारी खर्चों में कटौती के बारे में मजबूत विचार रखते हैं और वे ऐसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
कौन है विवेक रामास्वामी?
विवेक रामास्वामी एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ, उद्यमी और लेखक हैं, जिनका जन्म 9 अगस्त, 1985 को ओहायो में हुआ था। उनके माता-पिता भारतीय प्रवासी थे। विवेक ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में येल लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई पूरी की। अपने करियर की शुरुआत में, उन्होंने बायोटेक उद्योग में कदम रखा और एक सफल बायोटेक कंपनी की स्थापना की। इसके अलावा, रामास्वामी ने "वोक, इंक." जैसी किताबें लिखी हैं, जिनमें वे अमेरिका में व्याप्त सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
रामास्वामी एक प्रमुख युद्ध-विरोधी आवाज के रूप में उभरे हैं और सार्वजनिक रूप से यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है। वे हिंदू धर्म का पालन करते हैं, लेकिन साथ ही वे कहते हैं कि वे ईसाई समुदाय के समान मूल्यों को साझा करते हैं। उनके चुनावी अभियान में, धार्मिक स्वतंत्रता और विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सम्मान को एक महत्वपूर्ण मुद्दा बताया गया है। वे अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि अमेरिका में सभी धर्मों की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।
अवैध प्रवासियों को लेकर रामास्वामी के विचार
विवेक रामास्वामी, जो 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवारों में से एक थे, ने अपने अभियान के दौरान अमेरिका में अवैध प्रवासियों के प्रति सख्त रुख अपनाने की बात कही थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि वे राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वे अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजेंगे और उन पर कोई नरमी नहीं बरतेंगे। रामास्वामी ने यह भी कहा था कि अवैध प्रवासियों के बच्चों की नागरिकता पर पुनर्विचार करेंगे और ऐसे नियम बनाएंगे जिससे अवैध प्रवास को कम किया जा सके।
हालांकि, कुछ समय बाद विवेक रामास्वामी ने अपना राष्ट्रपति पद का अभियान समाप्त कर दिया और डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया। इसके बाद, रामास्वामी ट्रंप के चुनाव अभियान का हिस्सा बने और विभिन्न कार्यक्रमों में ट्रंप की नीतियों का प्रचार करते हुए जनता से ट्रंप को फिर से राष्ट्रपति बनाने की अपील की। रामास्वामी ने ट्रंप के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए उनकी नीतियों का प्रचार किया और रिपब्लिकन पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास किया।