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दिल्ली सरकारी स्कूलों में बस सेवा फिर से शुरू, बच्चों की सुरक्षा को मिलेगी प्राथमिकता

दिल्ली सरकारी स्कूलों में बस सेवा फिर से शुरू, बच्चों की सुरक्षा को मिलेगी प्राथमिकता
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

Delhi School: दिल्ली के लाखों स्कूली बच्चों और उनके माता-पिता के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की पहल पर दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों के लिए दोबारा बस सेवा शुरू करने का फैसला किया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और साथ ही इससे अभिभावकों की भी बड़ी चिंता दूर हो सकेगी।

क्यों जरूरी था यह फैसला?

साल 2022 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए डीटीसी बस सेवा बंद कर दी गई थी। यह फैसला संसाधनों की कमी और प्रशासनिक कारणों से लिया गया था। इसका असर उन बच्चों और उनके परिवारों पर पड़ा, जो इन बसों के जरिए स्कूल जाते थे। बस सेवा बंद होने के बाद, माता-पिता को निजी वैन या कैब का सहारा लेना पड़ा, जो न केवल महंगे थे, बल्कि कई बार असुरक्षित भी साबित हुए।

कुछ मामलों में, निजी वाहन चालकों द्वारा बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं भी सामने आईं। इससे खासकर उन अभिभावकों में चिंता बढ़ गई, जो आर्थिक रूप से कमजोर थे।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उठाया अहम कदम

बच्चों की सुरक्षा और अभिभावकों की बढ़ती चिंता को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया। उन्होंने दिल्ली के परिवहन विभाग को एक औपचारिक पत्र लिखकर आग्रह किया कि सरकारी स्कूलों के लिए बस सेवा को फिर से शुरू किया जाए।

अपने पत्र में उन्होंने साफ कहा:

'2022 से स्कूल बस सेवा बंद होने के बाद बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। अभिभावक मजबूरी में निजी गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन इससे कई बार अपराध और बच्चों के साथ गलत घटनाएं हो रही हैं। यह बच्चों के मौलिक अधिकारों का भी हनन है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।'

मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को और मजबूत करते हुए मद्रास हाईकोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले का भी ज़िक्र किया। उस फैसले में कोर्ट ने कहा था कि स्कूली बच्चों के लिए अलग से बसें होनी चाहिए और उनकी संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि बच्चों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा मिल सके।

मद्रास हाईकोर्ट के फैसले का भी किया हवाला

मुख्यमंत्री गुप्ता ने अपने पत्र में मद्रास हाईकोर्ट के एक अहम फैसले का उल्लेख भी किया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि स्कूली बच्चों के लिए विशेष रूप से बसें उपलब्ध कराई जानी चाहिए और इनकी संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब सरकार ने हाल ही में सैकड़ों नई बसें खरीदी हैं, तो फिर इन बसों में से कुछ को बच्चों के लिए आरक्षित क्यों नहीं किया जा सकता? 

डीटीसी का जवाब

मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब देते हुए दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के प्रबंधक ए.के. राव ने बताया कि फिलहाल डीटीसी कुछ स्कूलों को उनकी जरूरत के अनुसार बसें उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही सीएनजी बसों की संख्या सीमित हो, लेकिन बच्चों की सुरक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता दी जा रही है।

इन बसों को स्कूलों को किराए पर दिया जाएगा, और इसके लिए वही गाइडलाइंस लागू की जाएंगी जो पहले स्कूल सेल के तहत तय की गई थीं।

केंद्र सरकार की मंजूरी भी जरूरी

डीटीसी ने यह भी स्पष्ट किया कि स्कूलों को बसें किराए पर देने की प्रक्रिया केंद्र सरकार की अनुमति के अधीन होगी। इसका खास ख्याल रखा जाएगा कि इससे आम यात्रियों के लिए चल रही बस सेवाएं प्रभावित न हों।

इस फैसले से क्या होंगे फायदे?

बच्चों की सुरक्षा में सुधार: सरकारी बसों में प्रशिक्षित ड्राइवर और हेल्पर होते हैं, जिससे बच्चों का सफर सुरक्षित बनता है।

अभिभावकों की राहत: निजी वैन और कैब के खर्च से मुक्ति मिलेगी और बच्चों के स्कूल आने-जाने की चिंता कम होगी।

यातायात में कमी: अगर हजारों बच्चे सरकारी बसों का इस्तेमाल करेंगे, तो सड़क पर निजी वाहनों की संख्या घटेगी और ट्रैफिक भी कम होगा।

सरकारी संसाधनों का बेहतर उपयोग: नई खरीदी गई बसों का सदुपयोग होगा, जो पहले केवल आम यात्रियों के लिए ही चलाई जा रही थीं।

शिक्षा तक बेहतर पहुंच: दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना अब और आसान होगा, जिससे ड्रॉपआउट रेट में भी कमी आ सकती है।        

कब से शुरू होगी यह सेवा?

फिलहाल इस बात की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि बस सेवा कब से शुरू की जाएगी। लेकिन परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार इस पर मिलकर तेजी से काम कर रहे हैं। बहुत जल्द इसकी तारीख और आवेदन प्रक्रिया को लेकर नई जानकारी सामने आ सकती है।

अभिभावकों के लिए क्या करना होगा?
 
जैसे ही सेवा दोबारा शुरू होती है, सरकारी स्कूलों में इसकी सूचना दी जाएगी। अभिभावक अपने नजदीकी स्कूल प्रशासन से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने बच्चों को इस सेवा से जोड़ सकते हैं। इससे न केवल बच्चों का सफर सुरक्षित बनेगा, बल्कि माता-पिता को भी मानसिक सुकून मिलेगा।

दिल्ली सरकार का यह निर्णय वास्तव में बच्चों की सुरक्षा और अभिभावकों की चिंताओं को समझने वाला फैसला है। अगर इसे प्रभावी ढंग से लागू किया गया, तो यह न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाएगा बल्कि माता-पिता के भरोसे को भी मजबूत करेगा। अब यह जरूरी है कि सभी स्कूल, विभाग और अभिभावक मिलकर इस पहल को सफल बनाएं।

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