क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है?

क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है?
Last Updated: 2 घंटा पहले

भारतीय रेलवे, जो अपने विशाल और जटिल नेटवर्क के लिए जाना जाता है, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। यह न केवल भारत की परिवहन व्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि यह लाखों भारतीयों के लिए एक अनिवार्य जीवन रेखा भी है। इसका विशाल नेटवर्क और दैनिक संचालन इसकी विशालता और जटिलता को दर्शाता है। आइए, भारतीय रेलवे के बारे में विस्तार से जानते हैं।

भारतीय रेलवे का इतिहास

भारतीय रेलवे की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई थी, जब पहली यात्री ट्रेन मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) से ठाणे के बीच चली। यह 34 किलोमीटर की यात्रा थी, जिसने भारतीय परिवहन व्यवस्था में एक नए युग की शुरुआत की। धीरे-धीरे रेलवे का विस्तार हुआ और 19वीं सदी के अंत तक यह पूरे देश में फैल गया।

दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क

भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, जो लगभग 67,956 किलोमीटर लंबी पटरियों पर फैला हुआ है। यह विशाल नेटवर्क पूरे देश के कोने-कोने को जोड़ता है। केवल अमेरिका, रूस, और चीन के रेलवे नेटवर्क भारतीय रेलवे से बड़े हैं। भारतीय रेलवे में हर साल लाखों टन माल और करोड़ों यात्री ढोए जाते हैं।

प्रतिदिन यात्रियों की संख्या

भारतीय रेलवे का सबसे अनोखा तथ्य यह है कि इसमें हर दिन लगभग 23 मिलियन लोग यात्रा करते हैं। यह संख्या कई छोटे देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। रेलवे के इतने बड़े पैमाने पर संचालन और यात्रियों की इतनी विशाल संख्या इसे एक विश्व स्तरीय प्रणाली बनाती है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे देश के हर हिस्से में सस्ती और सुलभ परिवहन सुविधा प्रदान करती है।

रेलवे स्टेशन और ट्रेनें

भारतीय रेलवे में करीब 7,321 स्टेशन हैं, और इन स्टेशनों को जोड़ने के लिए हजारों ट्रेनें चलती हैं। भारतीय रेलवे की माल ढुलाई और यात्री सेवाओं के लिए 12,000 से अधिक ट्रेनें हर दिन संचालित होती हैं। इसमें सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनें, पैसेंजर ट्रेनें, मेल ट्रेनें और कई विशेष ट्रेनें शामिल हैं।

भारतीय रेलवे के ज़ोन और डिवीजन

भारतीय रेलवे को संचालन और प्रबंधन की दृष्टि से 18 ज़ोन में विभाजित किया गया है, और हर ज़ोन को आगे डिवीजनों में बाँटा गया है। प्रत्येक ज़ोन का अपना एक मुख्यालय होता है, और यह ज़ोन उस क्षेत्र के रेलवे संचालन की देखरेख करता है। सबसे बड़ा ज़ोन उत्तर रेलवे (Northern Railway) है, जबकि सबसे नया ज़ोन कोलकाता मेट्रो रेलवे है, जिसे 2010 में ज़ोन का दर्जा मिला था।

माल ढुलाई सेवा

भारतीय रेलवे केवल यात्री सेवा में ही नहीं, बल्कि माल ढुलाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह हर साल करोड़ों टन माल, जैसे कोयला, लोहा, इस्पात, अनाज, और अन्य सामग्री की ढुलाई करती है। माल ढुलाई से रेलवे की आय का एक बड़ा हिस्सा आता है और यह भारत की आर्थिक गतिविधियों में अहम भूमिका निभाता है।

 

 

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