राजस्थान में होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जो विद्यार्थियों के लिए एक नया अवसर प्रदान करेगा। अब बीएड (B.Ed) और डी.ए.ल.एड (D.El.Ed) के प्रथम वर्ष के छात्र भी इस परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे। पहले यह परीक्षा केवल उन उम्मीदवारों के लिए होती थी जिन्होंने अपनी बीएड या डी.ए.ल.एड की डिग्री पूरी कर ली थी। इस बदलाव से उन विद्यार्थियों को काफी लाभ होगा, जो शिक्षक बनने के इच्छुक हैं, लेकिन जिन्होंने अभी अपनी डिग्री पूरी नहीं की है।
क्या होगा बदलाव?
इस बदलाव के तहत, बीएड और डी.ए.ल.एड के प्रथम वर्ष के विद्यार्थी अब REET परीक्षा में बैठ सकते हैं, बशर्ते कि उनके पास 50% अंक हों। इससे यह संभव होगा कि विद्यार्थी अपनी डिग्री के पहले ही साल में परीक्षा की तैयारी शुरू कर सकें और जल्दी से जल्दी शिक्षक बनने के रास्ते पर अग्रसर हो सकें। यह बदलाव उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो सकता है जो जल्दी से अपनी शिक्षा पूरी कर शिक्षक बनने के इच्छुक हैं।
बीएड और डेलीएड के छात्रों को मिलेगा फायदा
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को होगा जो अपनी बीएड या डी.ए.ल.एडकी डिग्री के पहले साल में ही शिक्षक बनने के लिए परीक्षा में बैठना चाहते हैं। पहले यह केवल डिग्री पूरी करने के बाद ही संभव था, लेकिन अब यह प्रक्रिया सरल हो गई है। इससे छात्रों को पहले ही साल में परीक्षा की तैयारी करने का मौका मिलेगा और वे अपने सपने को जल्दी साकार कर सकेंगे।
क्या होगा इसका असर?
इस बदलाव से यह भी संभव होगा कि छात्रों को पहले साल से ही परीक्षा का अनुभव मिल सके। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे परीक्षा की तैयारी में और अधिक तत्पर रहेंगे। साथ ही, यह बदलाव रीट परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि कर सकता है। अधिक संख्या में योग्य उम्मीदवार परीक्षा में भाग ले सकेंगे, जिससे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर शिक्षक तैयार होंगे।
नॉमिनेटेड उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त अवसर
इस बदलाव के साथ ही, उम्मीदवारों को अपने करियर के लिए जल्द से जल्द अवसर प्राप्त करने का मौका मिलेगा। पहले जिन छात्रों को अपनी डिग्री पूरी होने का इंतजार करना पड़ता था, अब वे इस परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे और जल्दी से जल्दी शिक्षक बनने के रास्ते पर चल सकेंगे।
राजस्थान में हुए इस बड़े बदलाव से रीट परीक्षा की प्रक्रिया में एक नई दिशा देखने को मिली है। बीएड और डेलीएड के पहले वर्ष के छात्र अब अपनी डिग्री पूरी करने से पहले ही इस परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं, जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो सकता है। यह कदम उन विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा, जो शिक्षक बनने के इच्छुक हैं और जल्दी से जल्दी परीक्षा में शामिल होकर अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं।