भारत ने पेरू की राजधानी लीमा में आयोजित ISSF वर्ल्ड कप निशानेबाजी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल सात मेडल जीतकर तीसरा स्थान हासिल किया। भारत ने दो गोल्ड, चार सिल्वर, और एक ब्रॉन्ज मेडल के साथ प्रतियोगिता का समापन किया।
स्पोर्ट्स न्यूज़: पेरू की राजधानी लीमा में आयोजित ISSF वर्ल्ड कप निशानेबाजी प्रतियोगिता में भारत ने एक बार फिर अपने शानदार प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। इस प्रतियोगिता में भारत ने कुल सात मेडल जीतकर तीसरा स्थान हासिल किया। हालांकि, प्रतियोगिता के अंतिम दिन कुछ निराशाजनक पल भी थे, लेकिन भारत के खिलाड़ियों ने शानदार वापसी करते हुए पदक तालिका में अपनी स्थिति मजबूत की।
भारत ने कुल 7 मेडल जीते
भारत के निशानेबाजों ने ISSF वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 7 मेडल जीते। इसमें 2 गोल्ड, 4 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज शामिल थे। भारत के लिए इस प्रतियोगिता का अंतिम गोल्ड मेडल सिमरनप्रीत कौर बराड़ ने महिला 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में जीता। इसके साथ ही भारत ने अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखते हुए पदक तालिका में तीसरे स्थान पर कब्जा किया।
सुरुचि सिंह का शानदार प्रदर्शन
भारत के लिए इस प्रतियोगिता में सबसे यादगार प्रदर्शन 18 वर्षीय सुरुचि इंदर सिंह का रहा। सुरुचि ने प्रतियोगिता में 2 गोल्ड मेडल जीतकर अपने करियर की नई ऊंचाइयों को छुआ। सबसे पहले, उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। इस स्पर्धा में उन्होंने भारत की अनुभवी निशानेबाज मनु भाकर को हराया, जो खुद इस खेल की बड़ी नाम हैं। सुरुचि के आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत ने उन्हें इस प्रतिष्ठित मेडल दिलवाया।
इसके बाद, सुरुचि ने सौरभ चौधरी के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम इवेंट में भी गोल्ड मेडल जीतकर भारत को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इस उपलब्धि ने सुरुचि को एक स्टार बना दिया और भारत के लिए एक और यादगार क्षण जोड़ा।
भारत के अन्य मेडल विजेता
भारत की ओर से अन्य उल्लेखनीय प्रदर्शन सिमरनप्रीत कौर बराड़ का था, जिन्होंने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा, भारत ने कई अन्य पदक भी जीते। गोल्ड मेडल के साथ भारत ने कुल दो गोल्ड, चार सिल्वर और एक ब्रॉन्ज हासिल किए, जिनमें से कई पदक व्यक्तिगत और मिश्रित इवेंट्स में थे।
इस प्रतियोगिता में चीन सबसे ऊपर रहा, जिसने कुल 13 मेडल जीते, जिनमें 4 गोल्ड, 3 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज शामिल थे। अमेरिका ने भी भारत के बराबर सात मेडल जीते, लेकिन गोल्ड मेडल की संख्या के आधार पर वह दूसरे स्थान पर रहा। भारत ने कुल 7 मेडल के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए अपनी शानदार स्थिति बरकरार रखी।
भारत का ट्रैप मिश्रित टीम में निराशाजनक प्रदर्शन
हालांकि भारत ने कई स्पर्धाओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन ट्रैप मिश्रित टीम इवेंट में भारत की जोड़ी पृथ्वीराज टोंडिमान और प्रगति दुबे पदक राउंड में प्रवेश करने में असफल रही। दोनों ने 134 का संयुक्त स्कोर बनाया, जो उन्हें शीर्ष 4 में जगह दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था। इसी प्रकार, लक्ष्य और नीरू की जोड़ी भी 128 के स्कोर के साथ पदक राउंड में जगह बनाने में नाकाम रही। इस इवेंट में केवल शीर्ष चार टीमें ही फाइनल राउंड में प्रवेश कर सकीं, और भारत का यह निराशाजनक प्रदर्शन प्रतियोगिता के अंतिम दिन कुछ मायूसी लेकर आया।
इस प्रतियोगिता ने भारतीय निशानेबाजों की क्षमता और आत्मविश्वास को साबित किया है, लेकिन अब सवाल उठता है कि आगामी प्रतियोगिताओं में भारत का प्रदर्शन किस दिशा में जाएगा। 2024 पेरिस ओलंपिक के दृष्टिकोण से यह वर्ल्ड कप महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे भारतीय निशानेबाजों को अनुभव और आत्मविश्वास मिलेगा।