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'आत्मनिर्भर डिफेंस': भारत के 5 दमदार स्टार्टअप जो बदल रहे हैं युद्ध की परिभाषा

'आत्मनिर्भर डिफेंस': भारत के 5 दमदार स्टार्टअप जो बदल रहे हैं युद्ध की परिभाषा

भारत में रक्षा तकनीक से जुड़े स्टार्टअप्स तेज़ी से उभर रहे हैं और देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक समाधान विकसित कर रहे हैं। ये स्टार्टअप्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ड्रोन टेक्नोलॉजी, हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम और ऑटोमेटेड डिफेंस प्लेटफॉर्म जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

नई दिल्ली: भारत अब सिर्फ रक्षा उपकरणों का आयातक नहीं, बल्कि वैश्विक रक्षा तकनीकों का निर्माता भी बनता जा रहा है। 'मेक इन इंडिया' अभियान और आत्मनिर्भर भारत के तहत डिफेंस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश की नई ऊर्जा, स्टार्टअप्स के रूप में उभर रही है। भारत में उभरते इन रक्षा स्टार्टअप्स ने न केवल आधुनिक तकनीकों का निर्माण किया है, बल्कि भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों को अत्याधुनिक समाधानों से लैस करना शुरू कर दिया है।

2019 से 2023 के बीच भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा है, लेकिन अब यह तस्वीर बदल रही है। ड्रोन, अंडरवॉटर रोबोटिक्स, AI-आधारित सर्विलांस और स्मार्ट हथियारों के निर्माण में भारतीय स्टार्टअप्स विदेशी विकल्पों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। आइए जानते हैं ऐसे 5 भारतीय डिफेंस स्टार्टअप्स के बारे में, जो भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।

1. Garuda Aerospace – हर हालात में काम करने वाले 'त्रिशूल' ड्रोन से लैस

  • स्थापना: 2015
  • मुख्यालय: चेन्नई
  • संस्थापक: अग्निश्वर जयप्रकाश

Garuda Aerospace भारत का अग्रणी मल्टी-पर्पस ड्रोन स्टार्टअप है, जो निगरानी, आपदा प्रबंधन और कृषि जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक ड्रोन विकसित करता है। कंपनी का सबसे चर्चित प्रोडक्ट 'त्रिशूल' है, जो बॉर्डर सर्विलांस, आपात स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं के समय रियल-टाइम डेटा प्रदान करता है।

कंपनी को फरवरी 2023 में 22 मिलियन डॉलर की सीरीज-A फंडिंग और अक्तूबर 2023 में 25 करोड़ रुपये की ब्रिज फंडिंग प्राप्त हुई थी। अब कंपनी 50 देशों में अपने प्रोडक्ट्स का विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है।

2. ideaForge – आकाश में निगरानी रखने वाले इंडियन 'आई'

  • स्थापना: 2007
  • मुख्यालय: मुंबई
  • संस्थापक: अंकित मेहता, आशीष भट, राहुल सिंह, विपुल जोशी

ideaForge भारत की सबसे पुरानी UAV कंपनियों में से एक है। इसके विकसित ड्रोन भारतीय सेना, BSF, और पुलिस बलों द्वारा ऑपरेशन में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। हाल ही में भारत-पाक तनाव के दौरान इसके शेयरों में 25.71% की तेजी दर्ज की गई, जिससे इसके प्रभाव और भरोसे का अंदाजा लगाया जा सकता है।

हालांकि सितंबर 2024 तिमाही में कंपनी को 13.7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, लेकिन रेवेन्यू में साल-दर-साल 56% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

3. Sagar Defence Engineering – समंदर के भीतर भारतीय ताकत

  • स्थापना: 2015
  • मुख्यालय: मुंबई
  • संस्थापक: निकुंज पाराशर

यह स्टार्टअप खासतौर पर भारतीय नौसेना के लिए बिना चालक वाले सतही (Unmanned Surface) और पानी के नीचे चलने वाले वाहनों (Underwater Vehicles) का निर्माण करता है। सागर डिफेंस ने DRDO के साथ मिलकर भारत का पहला अंडरवॉटर लॉन्च होने वाला UAV भी विकसित किया है।

हाल ही में इस स्टार्टअप ने बोइंग की सहायक कंपनी लिक्विड रोबोटिक्स के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की है, जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री निगरानी क्षमताओं को आधुनिक तकनीकों से और अधिक सशक्त बनाना है। इससे भारतीय नौसेना को निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने में बड़ी मदद मिलेगी।

4. फ्लाइंग वेज – स्वदेशी बमवर्षक ड्रोन में विशेषज्ञता

  • स्थापना: 2022
  • मुख्यालय: बेंगलुरु
  • संस्थापक: सुहास तेजस्कंद

फ्लाइंग वेज ने बहुत ही कम वक्त में रक्षा तकनीक के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है। यह स्टार्टअप ऐसे आधुनिक हथियार और सिस्टम बनाता है जो अपने आप काम करते हैं और दुश्मन पर सटीक वार कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह भारत की पहली प्राइवेट कंपनी बनी है जिसे DGCA यानी नागर विमानन महानिदेशालय से ड्रोन टेक्नोलॉजी का सरकारी सर्टिफिकेट मिला है। इससे पता चलता है कि कंपनी की तकनीक कितनी भरोसेमंद और उन्नत है।

2024 में इसने भारत का पहला स्वदेशी बमवर्षक मानवरहित विमान FWD-200B लॉन्च किया जिसकी कीमत करीब 25 करोड़ रुपये है। यह विमान लंबी दूरी तक बिना पायलट के ऑपरेशन करने में सक्षम है।

5. EyeROV – समुद्री खतरों से मुकाबला करने वाले 'अंडरवॉटर जासूस'

  • स्थापना: 2016
  • मुख्यालय: कोच्चि
  • संस्थापक: जॉन्स टी. माथाई, कन्नप्पा पलनीअप्पन

EyeROV भारत का पहला अंडरवॉटर ड्रोन स्टार्टअप है जो भारतीय तटरक्षक और DRDO द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा है। इसके द्वारा विकसित ROVs (Remotely Operated Vehicles) समुद्री सुरक्षा, पोत निरीक्षण और सर्वेक्षण जैसे कार्यों में दक्ष हैं। कंपनी ने अगस्त 2024 में 10 करोड़ रुपये की प्री-सीरीज A फंडिंग प्राप्त की और अब वह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार की योजना बना रही है।

आत्मनिर्भर भारत की रक्षा नीति को दे रहे मजबूती

iDEX (Innovation for Defence Excellence) और TDF (Technology Development Fund) जैसी सरकारी योजनाएं इन स्टार्टअप्स को न सिर्फ फंडिंग और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर रही हैं, बल्कि उन्हें DRDO और सशस्त्र बलों के साथ प्रत्यक्ष सहयोग के अवसर भी दे रही हैं। इसके साथ ही FDI में ढील और 'मेक इन इंडिया' नीति ने विदेशी साझेदारियों का मार्ग भी प्रशस्त किया है।

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