Chhoti Diwali 2024: नरक चतुर्दशी पर 14 दीपक जलाने का महत्व और सही विधि जानें विस्तार से

Chhoti Diwali 2024: नरक चतुर्दशी पर 14 दीपक जलाने का महत्व और सही विधि जानें विस्तार से
Last Updated: 30 अक्टूबर 2024

शास्त्रों में छोटी दिवाली के अवसर पर दीयों की संख्या निर्धारित की गई है। चलिए, जानते हैं कि छोटी दिवाली के दिन हमें कितने दीये जलाने चाहिए?

Chhoti Diwali 2024: आज यानी छोटी दिवाली 30 अक्तूबर, बुधवार को मनाई जाएगी। यह त्योहार दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन भी दीप जलाने की परंपरा है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार छोटी दिवाली पर दीयों की संख्या निर्धारित होती है। आइए जानते हैं कि छोटी दिवाली के दिन कितने दीये जलाने चाहिए और इन्हें किन-किन स्थानों पर रखना चाहिए।

छोटी दिवाली पर कितने दीये जलाए जाते हैं और उनका महत्व

छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी या नरक चौदस भी कहा जाता है, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से बुरी शक्तियों के नाश और नकारात्मकता से मुक्ति का प्रतीक है। इस अवसर पर 14 दीपक जलाने की परंपरा है, जिनमें से कुछ विशेष रूप से अलग-अलग देवी-देवताओं और दिशाओं के लिए जलाए जाते हैं।

दीपक जलाने के नियम और महत्व

यमराज के निमित्त दीपक

यह दीया मृत्यु के देवता यमराज के सम्मान में जलाया जाता है। इसे जलाने से घर में असमय मृत्यु या अकाल मौत से बचाव होता है।

यह दीपक घर के बाहरी हिस्से में रखा जाता है, खासकर दरवाजे के पास।

मां काली के लिए दीपक

दूसरा दीपक मां काली को समर्पित किया जाता है, जो बुरी शक्तियों का नाश करती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं।

इस दीए को पूजा स्थान या घर के अंदर किसी पवित्र स्थान पर रखा जाता है।

भगवान श्रीकृष्ण के लिए दीपक

तीसरा दीपक भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाता है, जिन्होंने नरकासुर का वध कर लोगों को बंधन से मुक्त किया था।

यह दीपक भी पूजा घर में रखा जाता है।

मुख्य द्वार पर दीपक

चौथा दीपक घर के मुख्य दरवाजे पर जलाया जाता है। इसे जलाने से घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है और सुख-समृद्धि का वास रहता है।

पूर्व दिशा के लिए दीपक

पांचवां दीपक घर की पूर्व दिशा में रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में शांति, समृद्धि और उन्नति का प्रवाह बना रहता है।

14 दीपक जलाने की परंपरा

नरक चतुर्दशी के दिन कुल 14 दीए जलाने का महत्व है। यह संख्या नरकासुर के 14 हजार राक्षसों के वध का प्रतीक मानी जाती है।

इन दीपकों को घर के हर कोने में रखने की परंपरा है ताकि घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो और खुशहाली आए।

एक विशेष दीया सूर्यास्त के बाद

छोटी दिवाली के दिन एक दीपक सूर्यास्त के बाद घर के बाहर जलाना विशेष शुभ माना जाता है। इसे यमदीप कहा जाता है और यह परिवार की रक्षा के लिए जलाया जाता है।

छोटी दिवाली का महत्व

छोटी दिवाली का दिन बुराई पर अच्छाई की जीत और पवित्रता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दीपक जलाने से जीवन में धन, सुख और शांति का आगमन होता है। इसे दीवाली की तैयारियों का आरंभ भी माना जाता है, जिससे अगले दिन लक्ष्मी पूजा के लिए पूरा माहौल पवित्र हो जाता है।

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