अधिक नमक न केवल बीपी बढ़ाता है, बल्कि शरीर में आंतों को भी प्रभावित कर सकता है! ऐसे में अपनी डाइट में इसकी मात्रा घटाएं

अधिक नमक न केवल बीपी बढ़ाता है, बल्कि शरीर में आंतों को भी प्रभावित कर सकता है! ऐसे में अपनी डाइट में इसकी मात्रा घटाएं
Last Updated: 2 घंटा पहले

नमक हमारे खानपान का एक अहम हिस्सा है, जिसके बिना लगभग हर व्यंजन बेस्वाद लगता है। हालांकि, इसे सीमित मात्रा में खाने से ही सेहत को लाभ मिलता है। ज्यादा मात्रा में नमक खाने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, यह आंतों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। आइए जानते हैं कैसे।

नमक हमारे आहार का एक अहम हिस्सा है, जिसके बिना खाने की कल्पना करना मुश्किल है। नमक के बिना लगभग हर व्यंजन बेस्वाद लगता है। आमतौर पर लोग टेबल साल्ट के साथ सेंधा नमक और काला नमक का भी सेवन करते हैं। एक वयस्क को लगभग 6 ग्राम तक नमक खाने की सलाह दी जाती है, जबकि बच्चों के लिए यह मात्रा काफी कम होती है। बच्चों को उम्र के अनुसार 1 से 5 ग्राम तक नमक खाना चाहिए।

नमक, यानी सोडियम, हमारी सेहत के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। ज्यादा नमक खाने से रक्तचाप बढ़ता है। खासकर यदि कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप का मरीज है, तो उसे नमक का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, नमक सिर्फ रक्तचाप के लिए ही नहीं, बल्कि आपकी आंतों के स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। आइए जानते हैं कि ज्यादा नमक कैसे गट हेल्थ को प्रभावित करता है।

ज्यादा नमक के सेवन के दुष्प्रभाव

जैसा कि सभी जानते हैं, खाना पाचन तंत्र से होकर आंतों में जाता है। इस हिस्से में भोजन के न्यूट्रिएंट्स अवशोषित होते हैं और रक्त में प्रवाहित किए जाते हैं ताकि उनका सही इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे में यदि नमक का सेवन किया जाए, तो रक्त में सोडियम की मात्रा बढ़ जाएगी, क्योंकि नमक सोडियम और क्लोराइड नामक दो सॉल्ट से मिलकर बना होता है। इससे हाइपरटेंशन की समस्या उत्पन्न होती है। यदि हाइपरटेंशन पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है।

गट हेल्थ को कैसे प्रभावित करना है नमक?

इसके अलावा इससे कई ऑटो इम्यून डिसऑर्डर भी हो सकते हैं और साथ ही ये गट हेल्थ पर भी बहुत हानिकारक प्रभाव डालता है। कुछ स्टडी ये भी बताती है कि जब हम ज्यादा नमक खाते हैं, तो गट में मौजूद फायदेमंद बैक्टीरिया की गतिविधि में बदलाव लाता है। हमारे गट में मौजूद बैक्टीरिया का अपना एक माइक्रोबायोम होता है, जो बेहद संतुलित मात्रा में होता है। इस बैक्टीरिया को हमारे खाने से न्यूट्रिशन मिलता है। लेकिन जब हम अनहेल्दी डाइट लेते हैं, जिसमें न्यूट्रिशन नहीं होता है।

ज्यादा नमक खाने से गट में मौजूद फायदेमंद बैक्टीरिया की एक्टिविटी ब्लॉक हो जाती है। इससे गट की लाइनिंग का ध्यान रखने वाले बैक्टीरिया की गतिविधि ब्लॉक होने से गट लाइनिंग पतली होती है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया आसानी से निकल कर शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हैं।

डाइट में नमक की मात्रा कम करने के उपाय

स्वास्थ्यवर्धक मसालों का प्रयोग करें: अपने सॉल्ट शेकर या डिस्पेंसर में चाट मसाला, अमचूर पाउडर या अन्य चटपटे मसाले भरें। डाइनिंग टेबल पर नमक रखना बंद करें।

स्नैक्स में मसालों का इस्तेमाल: अपने डेली स्नैक्स में नमक की जगह अन्य मसालों का प्रयोग करें, जैसे दालचीनी पाउडर, काली मिर्च पाउडर, इलायची पाउडर आदि। इससे स्वाद में बदलाव होगा और नमक से दूर रहने में मदद मिलेगी।

धीरे-धीरे मात्रा कम करें: अपने डाइट में धीरे-धीरे नमक की मात्रा कम करें। इसे पूरी तरह खत्म करने की बजाय, धीरे-धीरे कम करें ताकि टेस्ट बड्स नए स्वाद के लिए अडेप्ट हो सकें।

ताजे फल और सब्जियां खाएं: फ्रेश फ्रूट्स और सब्जियों का सेवन करें। प्रोसेस्ड या फ्रोजन फूड्स अक्सर अतिरिक्त नमक से भरे होते हैं, इसलिए इनसे दूरी बनाएं।

 

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