डायबिटीज नियंत्रण के लिए प्रभावी है ये योगासन, दैनिक जीवन में शामिल करके स्वास्थ्य में लाए सुधार

डायबिटीज नियंत्रण के लिए प्रभावी है ये योगासन, दैनिक जीवन में शामिल करके स्वास्थ्य में लाए सुधार
Last Updated: 3 घंटा पहले

आयुर्वेद के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों के लिए कुछ विशेष योगासन बेहद लाभकारी हो सकते हैं। इन योगासनों के जरिए आप अपने ब्लड शुगर लेवल को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।

डायबिटीज, जो एक साइलेंट किलर है, आपकी सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है। यदि इसे सही तरीके से प्रबंधित नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण है। आइए, जानते हैं कुछ ऐसे योगासनों के बारे में जो डायबिटीज मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकते हैं। बेहतर परिणामों के लिए इन योगासनों का रोजाना अभ्यास करना सुनिश्चित करें।

कारगर साबित होगा पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन, जिसे "वायु रिलीज़ आसन" भी कहा जाता है, डायबिटीज के प्रबंधन में कारगर साबित हो सकता है। यह आसन शरीर में रक्त संचार को सुधारने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है।

पवनमुक्तासन के फायदे:

ब्लड शुगर नियंत्रण: नियमित अभ्यास से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

पाचन में सुधार: यह आसन पाचन तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे शरीर में शर्करा का सही रूप से अवशोषण होता है।

तनाव में कमी: मानसिक तनाव कम करने में मदद करता है, जो डायबिटीज के लक्षणों को बढ़ा सकता है।

वजन प्रबंधन: वजन नियंत्रण में सहायक, जिससे डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है।

कैसे करें पवनमुक्तासन:

आरंभिक स्थिति: अपनी पीठ के बल लेटें।

घुटनों को मोड़ें: अपने घुटनों को मोड़कर उन्हें पेट की ओर लाएं।

हाथों से पकड़ें: अपने हाथों से घुटनों को पकड़ें और सिर को उठाएं, जैसे कि आपकी नाक घुटनों से छूने की कोशिश कर रही हो।

गहरी सांस लें: इस स्थिति में कुछ समय तक रहें और गहरी सांस लें।

आराम करें: फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौटें।

इस आसन का नियमित अभ्यास करने से आपको डायबिटीज के प्रबंधन में काफी लाभ मिल सकता है।

कर सकते हैं सर्वांगासन

सर्वांगासन, जिसे "शोल्डर स्टैंड" भी कहा जाता है, डायबिटीज के प्रबंधन में बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह आसन शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने, अंगों को सशक्त करने और तनाव को कम करने में मदद करता है।

सर्वांगासन के फायदे:

ब्लड शुगर नियंत्रण: यह आसन शरीर के हार्मोनल संतुलन को सुधारता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

थायरॉयड ग्रंथि को सक्रिय करता है: यह ग्रंथि को उत्तेजित करके मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है।

सर्कुलेशन में सुधार: रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे अंगों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।

तनाव और चिंता में कमी: यह मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे शरीर की overall स्वास्थ्य में सुधार होता है।

कैसे करें सर्वांगासन:

आरंभिक स्थिति: अपनी पीठ के बल लेटें, हाथों को शरीर के पास रखें।

पैरों को उठाएं: धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं और शरीर को सिर और कंधों पर संतुलित करें।

हाथों का समर्थन: अपनी हथेलियों को पीठ के निचले हिस्से पर रखें, ताकि शरीर को संतुलित कर सकें।

गहरी सांस लें: इस स्थिति में कुछ समय तक बने रहें और गहरी सांस लें।

आराम करें: फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौटें।

इस आसन का नियमित अभ्यास करने से डायबिटीज के प्रबंधन में सहायता मिल सकती है। लेकिन इसे करते समय सावधानी बरतें, और किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में योग प्रशिक्षक से सलाह अवश्य लें।

असरदार साबित होगा उत्तानपादासन

उत्तानपादासन: डायबिटीज के प्रबंधन में फायदेमंद

उत्तानपादासन, जिसे "उठे हुए पैर का आसन" कहा जाता है, डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत प्रभावी साबित हो सकता है। यह आसन केवल मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद नहीं करता, बल्कि इसके साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी देता है

उत्तानपादासन के फायदे:

ब्लड सर्कुलेशन में सुधार: यह आसन पैरों में रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे अंगों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।

पेट की मांसपेशियों को मजबूत करना: यह आसन पेट की मांसपेशियों को टोन करता है, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है।

तनाव और चिंता में कमी: नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है, जो डायबिटीज के प्रबंधन में सहायक हो सकता है।

ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण: उत्तानपादासन से पाचन क्रिया में सुधार होता है, जो शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

कैसे करें उत्तानपादासन:

आरंभिक स्थिति: अपनी पीठ के बल लेटें और हाथों को शरीर के पास रखें।

पैरों को उठाएं: धीरे-धीरे अपने पैरों को सीधा रखते हुए ऊपर उठाएं, जब तक वे जमीन से लगभग 30 डिग्री पर हों।

संतुलन बनाए रखें: इस स्थिति में कुछ सेकंड के लिए बने रहें, ध्यान केंद्रित करें और गहरी सांस लें।

आराम करें: फिर धीरे-धीरे पैरों को वापस नीचे लाएं और प्रारंभिक स्थिति में लौटें।

उत्तानपादासन का नियमित अभ्यास आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए। लेकिन इसे करते समय सही तकनीक का पालन करें और किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए योग प्रशिक्षक से सलाह लें। इन योगासनों के नियमित अभ्यास से केवल डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि शरीर और मन को भी सशक्त बनाया जा सकता है। पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, और उत्तानपादासन जैसे आसन आपके ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि आप योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी योगाभ्यास को शुरू करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लें। स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने के लिए योग आपके लिए एक महत्वपूर्ण साधन हो सकता है।

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