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क्या पुरुषों में भी होता है मेनोपॉज? जानें Male Menopause के लक्षण, कारण और समाधान

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मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति सिर्फ महिलाओं में होती है, जब एक उम्र के बाद उनके मासिक धर्म (पीरियड्स) बंद हो जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पुरुषों में भी उम्र बढ़ने के साथ कुछ ऐसे ही हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिन्हें Male Menopause या Andropause कहा जाता है? यह सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लगे, लेकिन डॉक्टर्स इसे एक वास्तविक मेडिकल कंडीशन मानते हैं।

क्या है Male Menopause या Andropause?

महिलाओं में मेनोपॉज का संबंध एस्ट्रोजेन हार्मोन की कमी से होता है, वहीं पुरुषों में इसका संबंध टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन से है। उम्र के साथ पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर धीरे-धीरे गिरने लगता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 30 की उम्र के बाद शुरू होती है और हर साल टेस्टोस्टेरोन में करीब 1% की गिरावट आती है।

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.  बताती हैं कि पुरुषों में भी मेनोपॉज जैसे लक्षण नजर आते हैं, जिसे एंड्रोपॉज कहा जाता है। हालांकि, महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह बदलाव धीरे-धीरे होता है और हर किसी में इसके लक्षण एक जैसे नहीं होते।

मेल मेनोपॉज के लक्षण क्या होते हैं?

डॉ.  के अनुसार, आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच पुरुषों में एंड्रोपॉज के लक्षण सामने आने लगते हैं। हालांकि ये हर पुरुष में एक समान नहीं होते, लेकिन कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं:

लगातार थकान महसूस होना
चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग्स
डिप्रेशन या चिंता
यौन इच्छा में कमी
इरेक्टाइल डिसफंक्शन
मसल मास और ताकत में कमी
नींद न आना या बार-बार नींद खुलना
कॉन्फिडेंस में गिरावट
मेमोरी और फोकस में कमी

किन कारणों से घटता है टेस्टोस्टेरोन?

टेस्टोस्टेरोन का स्तर सिर्फ उम्र बढ़ने से ही नहीं घटता, इसके पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं:

अधिक तनाव
मोटापा
डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी क्रॉनिक बीमारियां
नींद की खराब आदतें
अत्यधिक शराब या धूम्रपान
व्यायाम की कमी
अनहेल्दी डाइट

Male Menopause की जांच कैसे की जाती है?

अगर किसी पुरुष को उपरोक्त लक्षण लगातार महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है। एंड्रोपॉज की पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट के जरिए टेस्टोस्टेरोन के स्तर की जांच की जाती है। इसके साथ ही डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री, लाइफस्टाइल और मानसिक स्थिति का भी आकलन करते हैं।

क्या टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से मिल सकता है मेल मेनोपॉज में आराम?

मेल मेनोपॉज में टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (TRT) का विकल्प भी मौजूद है। हालांकि, यह सभी के लिए जरूरी नहीं होता। डॉ.  यूरोलॉजिस्ट बताते हैं कि TRT केवल उन्हीं पुरुषों को दी जानी चाहिए जिनमें टेस्टोस्टेरोन की कमी स्पष्ट रूप से सामने आई हो और जिनके लक्षण गंभीर हों। इस थेरेपी के अपने फायदे और साइड इफेक्ट्स होते हैं, इसलिए इसे केवल विशेषज्ञ की सलाह पर ही अपनाना चाहिए।

मेल मेनोपॉज को लेकर फैली गलतफहमिया क्या है?

हुत से लोग मानते हैं कि मेल मेनोपॉज सिर्फ एक मानसिक स्थिति है या फिर इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि यह एक वास्तविक हार्मोनल बदलाव है, जो हर पुरुष में अलग तरह से नजर आ सकता है। जरूरी यह है कि इसके लक्षणों को पहचान कर समय रहते सही कदम उठाए जाएं।

मेल मेनोपॉज यानी एंड्रोपॉज कोई मनगढंत बात नहीं, बल्कि एक मेडिकल रियलिटी है, जिससे ज्यादातर पुरुष जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर गुजरते हैं। इसे लेकर शर्म या संकोच करने की जरूरत नहीं है। जागरूकता, सही जानकारी और समय रहते हेल्थ प्रोफेशनल्स की मदद से इस स्थिति को अच्छी तरह मैनेज किया जा सकता है।

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