पुरुषों में होता है कैंसर का सबसे अधिक खतरा, जानें क्या है इसके लक्षण Men have the highest risk of cancer know what are its symptoms
कैंसर’ यह नाम सुनते ही दिलों दिमाग में डर का खौफ बन जाता है क्योंकि एक समय पर आकर कोरोना वायरस का इलाज मिल सकता है लेकिन कैंसर का इलाज आज तक नहीं बन पाया है और अब शायद ही कभी बन पाए, लेकिन अगर जानकारी और सही उपचार हो इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है कैंसर की रोकथाम और लोगों में इस भयंकर रोग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाया जाता है। तमाम जागरुकता अभियानों के बावजूद हर साल कैंसर के कारण कई लोगों की मौत होती हैं। वेब एमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों में कैंसर का खतरा महिलाओं की तुलना में अधिक होता है।
तो आइए जानते हैं पुरुषों में होने वाले कैंसर कौन से हैं और इनके लक्षण क्या होते हैं।
क्या है कैंसर? What is cancer
मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है । यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता हैं।
कैसे होती है कैंसर की शुरूआत? How does cancer start
मानव शरीर में जब कोशिकाओं के जीन में परिवर्तन होने लगता है, तब कैंसर की शुरुआत होती है। ऐसा नहीं है कि किसी विशेष कारण से ही जीन में बदलाव होते हैं, यह स्वंय भी बदल सकते हैं या फिर दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे- गुटका-तंबाकू जैसी नशीली चीजें खाने से, अल्ट्रावॉलेट रे या फिर रेडिएशन आदि इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं । ज्यादातर यह देखा गया है कि कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है, लेकिन कभी-कभी कैंसर की कोशिकाएं को इम्यून सिस्टम झेल नहीं पाता और व्यक्ति को कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी हो जाती है ।
जैसे-जैसे शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं, वैसे-वैसे ट्यूमर यानि एक प्रकार की गांठ उभरती रहती है। यदि इसका उपचार सही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है।
कोलोरेक्टल कैंसर Colorectal cancer
कोलोरेक्टल कैंसर बड़ी आंत में होने वाला एक कैंसर है। पुरुषों के लिए यह तीसरा सबसे जानलेवा कैंसर है। 100,000 में करीब 53,000 व्यक्ति कोलोरेक्टल कैंसर से पीड़ित हैं। साल 2007 में लगभग 27,000 लोगों की मौत इस कैंसर की वजह से हुई थी।
कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण Colorectal cancer
कोलोरेक्टल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बड़ा मुश्किल है। लेकिन इसका खतरा बढ़ने के बाद, पेट में दर्द, कमजोरी और वजन के तेजी से कम होने जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं।
ब्लैडर कैंसर Bladder cancer
पुरुषों में होने वाला यह चौथा सबसे खतरनाक कैंसर है। एक लाख कैंसर पीड़ितों में करीब 36 रोगी इसी कैंसर से पीड़ित हैं जिनमें से लगभग आठ अपनी जान गंवा बैठते हैं।
ब्लैडर कैंसर के लक्षण Symptoms of bladder cancer
ब्लैडर कैंसर के कारण पेशाब में खून आने लगता है। पेशाब में आने वाला खून ब्लड क्लॉट्स जैसा दिखाई देता है। पेशाब करते वक्त इंसान को बहुत जलन महसूस होती है।
प्रोस्टेट कैंसर Prostate cancer
पुरुषों में सबसे ज्यादा खतरा जननांग के हिस्से में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर से होता है। फेफड़ों में कैंसर के बाद सबसे ज्यादा मौतें प्रोस्टेट कैंसर की वजह से ही होती हैं। सीडीसी की रिपोर्ट बताती है साल 2007 में पाए गए करीब 100,000 कैंसर पीड़ितों में से करीब 29,000 लोगों की मौत प्रोस्टेट कैंसर की वजह से हुई थी।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण Symptoms of prostate cancer
प्रोस्टेट कैंसर के कारण इंसान को पेशाब करते वक्त काफी कठिनाई होती है। यूरीन लीक होने लगता है और हड्डियों में दर्द बढ़ जाता है।
स्किन कैंसर Skin cancer
पुरुषों के लिए स्किन कैंसर पांचवां सबसे जानलेवा कैंसर है। एक लाख कैंसर पीड़ितों में करीब 27 इसी कैंसर से पीड़ित होते हैं जिनमें से चार की मौत होती है।
स्किन कैंसर के लक्षण Symptoms of skin cancer
इसकी पहचान है कि इस दौरान इंसान की त्वचा का रंग बदलने लगता है। त्वचा पर छोटे-छोटे धब्बे आने लगते हैं। इसलिए त्वचा पर अनचाहे निशान या गांठे होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
लंग कैंसर Lungs cancer
पूरी दुनिया में लंग कैंसर (फेफड़ों का कैंसर) के कारण मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। साल 2007 में एक आंकड़ा के मुताबिक करीब 88,000 की मौत इसी भयंकर रोग के कारण हुई थी।
लंग कैंसर के लक्षण Symptoms of lungs cancer
लंग कैंसर बलगम में खून और छाती में दर्द जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।लंग कैंसर होने की वजह से इंसान को सांस लेने में बड़ी तकलीफ होने लगती हैं।