आज के दौर में डायबिटीज जैसी बीमारी ने उम्र की सीमाएं तोड़ दी हैं। पहले इसे बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, फिर युवाओं को शिकार बनाया और अब खतरा बच्चों के सिर पर मंडरा रहा है। नेशनल कमीशन फॉर चाइल्ड प्रोटेक्शन (NCPCR) की रिपोर्ट बताती है कि बच्चों में बढ़ती टाइप-2 डायबिटीज की समस्या भारत में हेल्थ इमरजेंसी की आहट है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह मीठा ज़हर पूरे समाज को अपनी चपेट में ले सकता है।
बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज क्यों बढ़ रही है?
टाइप-2 डायबिटीज कभी बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी, लेकिन आज की आधुनिक जीवनशैली और खानपान की आदतों ने इसे युवाओं और बच्चों के बीच भी आम कर दिया है। बच्चे अब जंक फूड, पैकेज्ड स्नैक्स, फ्लेवर्ड योगर्ट, जूस और ब्रेकफास्ट सीरियल जैसे चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ अधिक खा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार बच्चों के लिए चीनी का सेवन कुल कैलोरी का केवल 5% होना चाहिए, लेकिन हमारे देश के बच्चे लगभग 13% से 15% तक कैलोरी शुगर से प्राप्त कर रहे हैं, जो तीन गुना अधिक है।
CBSE और सरकार की नई पहल
CBSE ने स्कूलों में 'शुगर बोर्ड' लगाने का निर्देश दिया है। इसमें शुगर कंटेंट चार्ट्स और इंफोग्राफिक्स के ज़रिए बताया जाएगा कि बच्चों के पसंदीदा स्नैक्स में कितनी मात्रा में चीनी होती है। इसके साथ ही हेल्थ वर्कशॉप्स और BMI (बॉडी मास इंडेक्स) की जानकारी देने की भी योजना है ताकि बच्चों में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
डायबिटीज के लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें
- बार-बार पेशाब आना
- अधिक प्यास लगना
- भूख का असामान्य बढ़ना
- वजन कम होना
- धुंधली दृष्टि
- थकान और कमजोरी
- चिड़चिड़ापन
बाबा रामदेव के सुझाव: आयुर्वेद से करें डायबिटीज पर वार
योग गुरु बाबा रामदेव के अनुसार डायबिटीज को जड़ से मिटाने के लिए जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपाय बेहद प्रभावी साबित हो सकते हैं।
योग और प्राणायाम:
कपालभाति: रोज़ाना 15 मिनट तक करें। यह पेट के अंगों को एक्टिव करता है और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में सुधार लाता है।
मंडूकासन और योगमुद्रासन: ये दोनों आसन अग्नाशय (पैंक्रियास) को सक्रिय करते हैं और इंसुलिन के प्रवाह को बेहतर बनाते हैं।
अनुलोम-विलोम: यह मन को शांत करता है और तनाव को घटाता है, जो डायबिटीज का बड़ा कारण है।
आयुर्वेदिक उपाय:
- खीरा-करेला-टमाटर का जूस: सुबह खाली पेट पिएं। यह प्राकृतिक रूप से शुगर कंट्रोल करता है।
- गिलोय का काढ़ा: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और ब्लड शुगर को संतुलित करता है।
- मेथी पाउडर: रोज़ एक चम्मच गर्म पानी के साथ लें।
- लहसुन की दो कलियां: सुबह खाली पेट चबाएं। ये ब्लड सर्कुलेशन को दुरुस्त करती हैं।
बच्चों में डायबिटीज रोकने के लिए क्या करें?
- Total Diet Replacement: बच्चों को धीरे-धीरे प्रोसेस्ड फूड से हटाकर फल, सब्जियां, अंकुरित अनाज, दलिया और घर के बने पौष्टिक भोजन पर लाएं।
- हर दिन 40 मिनट की एक्सरसाइज: चाहें योग हो, साइकलिंग, दौड़ या डांस – बच्चों को रोज़ाना शारीरिक रूप से एक्टिव रखना ज़रूरी है।
- स्क्रीन टाइम कम करें: डिजिटल गैजेट्स पर बिताया गया समय सीमित करें और बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज़ के लिए प्रेरित करें।
- नींद पूरी होना ज़रूरी: रात में कम से कम 8-9 घंटे की नींद उनके मेटाबोलिज्म को सही रखती है।
डायबिटीज और हार्ट डिजीज का कनेक्शन
डायबिटीज केवल ब्लड शुगर की बीमारी नहीं है। यह धीरे-धीरे हृदय, किडनी, आंखों और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है। रिसर्च के अनुसार:
- डायबिटिक्स को हार्ट अटैक का खतरा 4 गुना ज्यादा होता है।
- लगभग 22% डायबिटिक्स को दिल का दौरा पड़ चुका है।
इसलिए बच्चों में अगर डायबिटीज की शुरुआत हो रही है, तो भविष्य में हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाएगा।
बच्चों में डायबिटीज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। बाबा रामदेव के सुझाए योग, आयुर्वेदिक उपचार और सही खान-पान के माध्यम से इस बीमारी को काबू में रखा जा सकता है। साथ ही परिवार के हर सदस्य को अपनी जीवनशैली सुधारने की जरूरत है ताकि यह मीठी आफत घर-परिवार से दूर रहे और स्वास्थ्य जीवन की राह आसान हो।