क्या आप केले के नाम पर जहर तो नहीं खा रहे? कार्बाइड से पके केले की पहचान के 5 तरीके

क्या आप केले के नाम पर जहर तो नहीं खा रहे? कार्बाइड से पके केले की पहचान के 5 तरीके
Last Updated: 3 घंटा पहले

कार्बाइड का इस्तेमाल केले को आर्टिफिशियल रूप से पकाने के लिए किया जाता है, जो सेहत के लिए जहर जैसा होता है। त्योहारों के दौरान बाजार में ऐसे मिलावटी केले (Carbide Bananas) बड़ी मात्रा में बिक रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं 5 आसान तरीके (How To Identify Carbide Bananas), जिनसे आप कार्बाइड से पके केले की पहचान कर सकते हैं।

नई दिल्ली: कार्बाइड (Carbide) एक जहरीला केमिकल है, जिसके संपर्क में आने से सिरदर्द, चक्कर आना, मतली और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। केला, जो हर मौसम में आसानी से मिल जाने वाला पौष्टिक और स्वादिष्ट फल है, आजकल बाजार में प्राकृतिक रूप से पका हुआ नहीं, बल्कि कार्बाइड के इस्तेमाल से कृत्रिम रूप से पका हुआ हो सकता है।

ऐसे केले (Carbide Bananas) आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। आइए जानते हैं, कार्बाइड से पके केले की पहचान करने के 5 आसान तरीके (How To Identify Carbide Bananas)।

कार्बाइड से पके केले को कैसे पहचानें (How to Identify Carbide-Ripened Bananas)

असली और नकली पके केले की पहचान        

क्या आप जानते हैं कि जो केला आप खा रहे हैं, वह नेचुरल तरीके से पका है या कार्बाइड जैसे खतरनाक केमिकल से? नेचुरल तरीके से पके केले न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होते हैं। ऐसे केले पर छोटे-छोटे काले धब्बे होते हैं, और इसका छिलका गहरे पीले रंग का व हल्के भूरे धब्बों से युक्त होता है।

केले के रंग पर ध्यान दें

कार्बाइड से पका हुआ केला आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। ऐसे केले का छिलका एकदम चिकना और हल्के पीले रंग का होता है, जबकि इसके अंदर का हिस्सा हल्का हरा रहता है। वहीं, नेचुरल तरीके से पके केले के अंदर का हिस्सा काला होता है। कार्बाइड से पके केले जल्दी खराब हो जाते हैं और उनकी शेल्फ लाइफ भी काफी कम होती है।

पानी से टेस्ट करें

केले की क्वालिटी जांचने का एक आसान और प्रभावी तरीका है पानी का टेस्ट। इसके लिए आपको सिर्फ एक बर्तन में पानी लेना है और उसमें केले को डालकर कुछ देर के लिए छोड़ देना है। अगर केला पानी में डूब जाता है, तो यह संभव है कि वह नेचुरल तरीके से पका हुआ है।

वहीं, अगर केला पानी के ऊपर तैरने लगता है, तो इसका मतलब हो सकता है कि उसे कार्बाइड या अन्य हानिकारक रसायनों से पकाया गया है।

असमान रूप से पका हुआ

कार्बाइड से पके केले अक्सर एकसमान रूप से नहीं पकते। आप देखेंगे कि केले के कुछ हिस्से बहुत ज्यादा पके हुए होंगे, जबकि अन्य हिस्से कच्चे या कम पके दिखते हैं। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि केला नेचुरल तरीके से नहीं, बल्कि कृत्रिम केमिकल से पकाया गया है।

छूकर पहचानें

नेचुरल तरीके से पका हुआ केला छूने पर मुलायम लगता है, जो उसकी अंदर की बनावट से आता है। हालांकि, इसका बाहरी हिस्सा थोड़ा मजबूत होता है, जिससे केला अपना आकार बनाए रखता है।

यदि आपको ऐसा केला मिले जो पूरी तरह से पीला हो लेकिन छूने पर सख्त लगे, तो यह संकेत है कि उसे कार्बाइड या किसी अन्य हानिकारक रसायन से पकाया गया है। ऐसे केले का बाहरी हिस्सा अंदर की तुलना में ज्यादा कठोर होता है।

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