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क्या आपको भी बार-बार सिरदर्द होता है? थकान नहीं, ये 7 वजहें भी हो सकती हैं जिम्मेदार

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क्या आप अक्सर सुबह उठते ही सिर भारी महसूस करते हैं? या फिर ऑफिस से लौटने के बाद सिर में तेज़ दर्द होने लगता है? अगर हां, तो यह सिर्फ थकान या नींद की कमी की वजह से नहीं हो सकता, बल्कि इसके पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सिरदर्द (Headache) बहुत आम समस्या बन चुकी है। मगर अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और पेनकिलर या चाय से आराम पाने की कोशिश करते हैं। लेकिन बार-बार होने वाला सिरदर्द आपके शरीर में किसी गड़बड़ी का संकेत भी हो सकता है।

साइनस की समस्या: सिरदर्द की एक आम वजह

अगर सिरदर्द के साथ-साथ आपकी नाक बंद रहती है, आंखों के चारों तरफ या गालों में भारीपन महसूस होता है, तो यह साइनस हेडेक हो सकता है। साइनस तब होता है जब आपके सिर के अंदर की हवा से भरी जगहों में सूजन या संक्रमण हो जाता है। यह आमतौर पर सर्दी, एलर्जी या मौसम बदलने के कारण होता है।

क्या करें

  • गर्म पानी की भांप लें, इससे नाक खुलती है
  • चेहरा गरम पानी से धोएं
  • धूल, मिट्टी और एलर्जी वाली चीजों से दूर रहें
  • जरूरत हो तो डॉक्टर से दिखाकर सही दवा लें

तनाव और चिंता

आज की भागदौड़ और टेंशन से भरी जिंदगी में तनाव (Stress) एक आम समस्या बन गई है। ऑफिस का दबाव, घर की जिम्मेदारियां, पैसे की चिंता या रिश्तों में परेशानी – ये सब मिलकर दिमाग पर बोझ डालते हैं। जब हमारा दिमाग थक जाता है या बहुत ज्यादा सोचने लगता है, तो इसका असर सिर पर पड़ता है और सिरदर्द शुरू हो जाता है। ऐसे दर्द को टेंशन हेडेक कहा जाता है। यह दर्द आमतौर पर सिर के दोनों तरफ या पीछे की ओर होता है और दिनभर बना रह सकता है।

क्या करें

  • हर दिन कुछ समय खुद के लिए निकालें
  • योग, मेडिटेशन या गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करें
  • ज़रूरत लगे तो किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें
  • नींद पूरी लें और खाने का सही समय रखें

कैफीन का ज्यादा सेवन या अचानक छोड़ना भी बन सकता है सिरदर्द की वजह

अगर आप दिनभर में बार-बार चाय या कॉफी पीते हैं और फिर एक दिन अचानक बंद कर देते हैं, तो इससे सिर में दर्द शुरू हो सकता है। इसे कैफीन विदड्रॉल कहा जाता है। हमारे शरीर को जब रोजाना कैफीन की आदत लग जाती है, तो उसका अचानक रुक जाना शरीर को झटका देता है, जिससे सिरदर्द, चिड़चिड़ापन या थकावट महसूस होती है।

क्या करें

  • धीरे-धीरे कैफीन कम करें, अचानक ना छोड़ें
  • दिन में 1 या 2 कप से ज्यादा चाय-कॉफी न लें
  • इसके विकल्प के रूप में हर्बल टी, नींबू पानी या गुनगुना पानी पिएं

मोबाइल और लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल भी देता है सिरदर्द

आजकल ज्यादातर लोग दिनभर मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन के सामने रहते हैं – चाहे काम के लिए हो या मनोरंजन के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आपकी आंखों पर बहुत दबाव पड़ता है? इसे आई-स्ट्रेन कहा जाता है, और यही आगे चलकर सिरदर्द की एक आम वजह बनता है।

जब हम लगातार बिना ब्रेक लिए स्क्रीन देखते हैं, तो आंखें थक जाती हैं। इससे आंखों में जलन, धुंधलापन, और सिर के पिछले हिस्से या कनपटी में दर्द महसूस हो सकता है। कई बार यह दर्द दिनभर बना रहता है या शाम को तेज़ हो जाता है।

सिरदर्द से बचने के लिए क्या करें

  • हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए किसी दूर की चीज को देखें – इसे 20-20-20 रूल कहते हैं
  • स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें और बहुत तेज़ रोशनी से बचें
  • एंटी-ग्लेयर चश्मा पहनें, खासकर अगर आप चश्मा लगाते हैं
  • मोबाइल और लैपटॉप को आंखों से बहुत पास न रखें
  • स्क्रीन टाइम को सीमित करें और बीच-बीच में ब्रेक जरूर लें

माइग्रेन: सिरदर्द की एक खास और तकलीफदेह वजह

माइग्रेन एक आम लेकिन गंभीर सिरदर्द है, जो अक्सर सिर के एक ही तरफ होता है। यह दर्द हल्के से शुरू होकर धीरे-धीरे बहुत तेज़ और धड़कने जैसा हो सकता है। माइग्रेन का दर्द कई घंटों से लेकर कई बार पूरे दिन या दो दिन तक बना रह सकता है। इसके साथ अक्सर मतली आना, उल्टी जैसा महसूस होना, तेज़ रोशनी, तेज़ आवाज, या तेज़ गंध से परेशानी होना जैसे लक्षण भी दिखते हैं। कुछ लोगों को माइग्रेन से पहले ही कुछ संकेत मिलने लगते हैं, जैसे आंखों के सामने रोशनी की चमक, चक्कर या सुन्नपन। इस स्थिति को माइग्रेन विथ ऑरा कहा जाता है।

माइग्रेन से राहत के लिए क्या करें

  • तेज़ लाइट, शोर और भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें
  • समय पर खाना खाएं, भूखा रहने से माइग्रेन बढ़ सकता है
  • नींद पूरी लें, नींद की कमी या बहुत ज्यादा नींद – दोनों ही माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं
  • तनाव से बचें, रोज़ योग या मेडिटेशन करें
  • माइग्रेन की दवाएं हमेशा डॉक्टर की सलाह से लें

पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) से होने वाला सिरदर्द

अगर आपको बार-बार सिरदर्द होता है, तो इसकी एक बड़ी वजह डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी भी हो सकती है। जब शरीर में पानी कम हो जाता है, तो हमारे दिमाग तक खून पहुंचाने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इससे दिमाग को पूरा ऑक्सीजन नहीं मिलता और सिर में भारीपन या तेज़ दर्द महसूस होता है। गर्मियों में यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि पसीने के जरिए शरीर से बहुत सारा पानी बाहर निकल जाता है।

बहुत से लोग दिनभर की भागदौड़ में पानी पीना भूल जाते हैं या प्यास लगने पर ही पानी पीते हैं, जो सही तरीका नहीं है। डिहाइड्रेशन से न सिर्फ सिरदर्द होता है, बल्कि थकान, चक्कर, मुंह सूखना और पेशाब का रंग गहरा होना जैसे लक्षण भी दिखते हैं।

सिरदर्द से बचने के लिए क्या करें

  • दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं
  • सुबह उठते ही सबसे पहले 1-2 गिलास पानी पिएं
  • नींबू पानी, नारियल पानी या छाछ जैसे हेल्दी ड्रिंक्स शामिल करें
  • बहुत ज्यादा चाय-कॉफी से बचें, क्योंकि ये शरीर को और ज्यादा डिहाइड्रेट कर सकती हैं
  • हमेशा अपने पास पानी की बोतल रखें और समय-समय पर पीते रहें

नींद की कमी या बहुत ज्यादा सोना भी बन सकता है सिरदर्द की वजह

हमारा शरीर ठीक से काम करे, इसके लिए नींद बहुत जरूरी होती है। अगर आप रोज़ बहुत कम नींद लेते हैं या फिर जरूरत से ज्यादा देर तक सोते हैं, तो इससे सिरदर्द होना आम बात है। नींद की कमी से शरीर थक जाता है, दिमाग को आराम नहीं मिल पाता, और इसका सीधा असर हमारे सिर पर पड़ता है।

वैसे ही, जब हम बहुत ज्यादा सोते हैं, तो दिमाग में केमिकल्स का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे सुबह उठने पर सिर भारी या दर्द से भरा हुआ महसूस हो सकता है। नींद का असंतुलन शरीर की जैविक घड़ी यानी बॉडी क्लॉक को भी गड़बड़ा देता है, जो सिरदर्द को और बढ़ा सकता है।

सिरदर्द से बचने के लिए क्या करें

  • रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेने की आदत डालें
  • सोने और उठने का एक तय समय बनाएं और उसका पालन करें
  • सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी से दूरी बनाएं
  • कैफीन या भारी भोजन रात में ना लें, ये नींद में रुकावट डालते हैं
  • सोने का माहौल शांत और आरामदायक रखें

डॉक्टर से कब मिलें?

अगर आपका सिरदर्द लगातार बना रहता है, सामान्य दवाओं से भी ठीक नहीं होता, या दिन-ब-दिन तेज़ होता जा रहा है, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खासतौर पर तब, जब सिरदर्द के साथ उल्टी आना, मतली महसूस होना, बोलने में दिक्कत, देखने में धुंधलापन, या शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी जैसी परेशानी भी हो रही हो। इसके अलावा, अगर सिर में चोट लगने के बाद दर्द शुरू हुआ है और वह लगातार बना हुआ है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज करना जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए सही समय पर डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।

सिरदर्द अगर बार-बार हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज करना सही नहीं। ये आपके शरीर में चल रही किसी गंभीर समस्या की चेतावनी भी हो सकती है। ऊपर बताए गए कारणों को पहचानिए, और लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव लाकर राहत पाइए। अगर आप लंबे समय से सिरदर्द से परेशान हैं, तो देर न करें — किसी योग्य न्यूरोलॉजिस्ट या जनरल फिजिशियन से जांच जरूर कराएं। सेहत से समझौता न करें, क्योंकि हेल्दी दिमाग ही हेल्दी ज़िंदगी की कुंजी है।

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