क्या कोई भी कर सकता है अंग दान? जानें, किन अंगों को नहीं किया जा सकता दान

क्या कोई भी कर सकता है अंग दान? जानें, किन अंगों को नहीं किया जा सकता दान
Last Updated: 08 दिसंबर 2024

भारत में हर साल ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत 5 लाख लोगों को होती है, लेकिन केवल 52 हजार अंग ही उपलब्ध हो पाते हैं, जो जीवन रक्षक उपचार की कमी को दिखाता है. ऑर्गन डोनेशन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, एक मृत व्यक्ति अंगदान से 9 जिंदगियां बचा सकता है।

Organ Donation

अंगदान को जीवनदान माना जाता है, जिससे एक मृत व्यक्ति 9 अन्य लोगों को नया जीवन दे सकता है। ऑर्गन डोनेशन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 5 लाख लोगों को अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, जबकि उपलब्ध अंगों की संख्या केवल 52 हजार तक सीमित रहती है।

अंगदान करने के लिए व्यक्ति की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए। अगर उम्र इससे कम है, तो माता-पिता या गार्जियन की अनुमति जरूरी होती है। अंगदान केवल ब्रेन डेड होने, दिल का धड़कना बंद होने, या मृत्यु के बाद किया जा सकता है।

हालांकि, सभी अंग दान नहीं किए जा सकते। आइए जानते हैं कौन से अंग दान नहीं किए जा सकते।

कौन-कौन से अंग दान किए जा सकते हैं

मृत व्यक्ति के अंगों से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।

दिल, फेफड़े, लिवर, किडनी, आंत और पैंक्रियाज जैसे अहम अंग दान किए जा सकते हैं।

इसके अलावा, आंख का कॉर्निया, हड्डी, त्वचा, नसें, मांसपेशियां, लिगामेंट, कार्टिलेज, हार्ट वॉल्व और टेंडन भी दान में दिए जा सकते हैं।

जिंदा व्यक्ति अपनी किडनी और लिवर का एक हिस्सा दान कर सकते हैं, जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकता है।

कौन नहीं कर सकता अंगदान

गंभीर बीमारियां: हार्ट डिजीज या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग अंगदान नहीं कर सकते हैं।

उम्र और शारीरिक स्थिति: उम्रदराज लोग जिनके अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, वे भी अंगदान के लिए योग्य नहीं होते हैं।

संक्रामक रोग: HIV या हेपेटाइटिस जैसे संक्रामक रोगों से प्रभावित व्यक्ति अंगदान नहीं कर सकते।

मानसिक बीमारियां: मानसिक विकारों से ग्रस्त व्यक्ति अंगदान के योग्य नहीं माने जाते हैं।

कानूनी अड़चनें: अगर कोई व्यक्ति कानूनी रूप से अयोग्य है या उस पर कानूनी प्रतिबंध हैं, तो वह अंगदान नहीं कर सकता।

अंगदान में ये अंग नहीं किए जा सकते

ब्रेन (मस्तिष्क): मस्तिष्क मृत्यु के बाद कार्यशील नहीं रहता और इसका दान नहीं किया जा सकता।

रीढ़ की हड्डी: इसमें तंत्रिका तंतु होते हैं जो स्वस्थ प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।

मांसपेशियाँ: केवल कार्य समर्थन करती हैं और संक्रमण से ग्रस्त हो सकती हैं, इसलिए इन्हें दान नहीं किया जा सकता।

कैंसर प्रभावित अंग: इनमें कैंसर कोशिकाएं हो सकती हैं जो दूसरे अंगों में फैल सकती हैं, इसीलिए इनका दान नहीं किया जा सकता।

संक्रमित अंग: इनमें संक्रमण का खतरा होता है जो प्रत्यारोपण प्रक्रिया को जोखिम में डाल सकता है।

मौत के बाद कितनी देर तक किए जा सकते हैं अंग ट्रांसप्लांट

ब्रेन डेड होने पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिससे अंगों का काम करना बंद हो जाता है। इस स्थिति में, अंगों को मौत के बाद जितनी जल्दी हो सके दान किया जाना चाहिए ताकि उन्हें अन्य लोगों के जीवन को बचाने में इस्तेमाल किया जा सके। अंगों को शरीर से बाहर निकालने के बाद, उनकी कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए उचित ऑक्सीजन सप्लाई दी जाती है, जिससे वे पहले जैसी स्थिति में रह सकें।

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