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स्वस्थ जीवन का मंत्र: पांच आदतें जो रखेंगी आपको हमेशा फिट और एनर्जेटिक

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आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सेहत को बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। गलत खानपान, व्यस्त दिनचर्या और तनाव भरी लाइफस्टाइल के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम कुछ ऐसे हेल्थ टिप्स को अपनाएं जो हमें लंबे समय तक स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखें। यहां हम आपको पांच ऐसे अनमोल स्वास्थ्य उपाय बता रहे हैं जो आपको न केवल बीमारियों से दूर रखेंगे, बल्कि आपकी जीवनशैली को भी सुधारेंगे।

1. तांबे के बर्तन में रखा पानी पिएं – हेल्दी रहने का प्राचीन तरीका

अगर आप दिन की शुरुआत हेल्दी तरीके से करना चाहते हैं, तो सबसे पहले तांबे के बर्तन में रखा पानी पिएं। तांबे में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं और इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में रातभर रखा गया पानी शरीर के पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और लीवर को डिटॉक्स करता है। इसके अलावा, यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। अगर आप रोज़ सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन का पानी पिएंगे, तो आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।

2. शरीर को नींद नहीं, आराम दें 

अक्सर लोग मानते हैं कि शरीर को आठ घंटे की नींद की जरूरत होती है, लेकिन असल में शरीर को नींद की नहीं बल्कि सही आराम की आवश्यकता होती है। अच्छी नींद का मतलब सिर्फ देर तक सोना नहीं, बल्कि यह देखना भी जरूरी है कि आपकी नींद की गुणवत्ता कैसी है।

अगर आप दिनभर बहुत ज्यादा शारीरिक या मानसिक तनाव में रहते हैं, तो आपकी नींद पर असर पड़ेगा। नींद अच्छी हो, इसके लिए जरूरी है कि आप दिनभर हल्का-फुल्का व्यायाम करें, स्ट्रेस फ्री रहें और सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें। जब शरीर को पूरा आराम मिल जाएगा, तो आप खुद ही सही समय पर जाग जाएंगे और पूरे दिन एक्टिव महसूस करेंगे।

3. हर 14 दिनों में एक बार उपवास करें 

उपवास सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने का एक शानदार तरीका भी है। जब हम हर 14 दिनों में एक बार उपवास रखते हैं, तो शरीर को खुद को डिटॉक्स करने का समय मिलता है।

आयुर्वेद के अनुसार, हर 40-48 दिनों में शरीर एक चक्र से गुजरता है, और इस दौरान तीन ऐसे दिन आते हैं जब शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती। अगर आप इन दिनों में उपवास रखते हैं, तो पाचन तंत्र को आराम मिलेगा और शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाएंगे। अगर आपको बिना भोजन रहना मुश्किल लगता है, तो आप फल और हल्के पेय पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।

4. बैठने का तरीका सही रखें – रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें

आपकी बैठने की मुद्रा आपके शरीर के आंतरिक अंगों और स्नायुतंत्र को प्रभावित करती है। झुककर या गलत तरीके से बैठने से पेट, फेफड़े और रीढ़ की हड्डी पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिससे पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है और कमर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर बैठने से शरीर को सही पोस्चर मिलता है, जिससे अंगों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है और वे बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं। खासतौर पर भोजन के बाद झुककर बैठने से बचें, क्योंकि यह पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, हमेशा सतर्क रहें और अपनी बैठने की आदतों को सुधारें ताकि आपकी सेहत बनी रहे।

5. पंच तत्वों से जुड़े रहें, स्वस्थ जीवन अपनाएं

शरीर पंच तत्वों—पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश—से मिलकर बना है, इसलिए स्वस्थ रहने के लिए इनसे संपर्क बनाए रखना जरूरी है।

योगिक जीवनशैली में देखा गया है कि प्राकृतिक तत्वों के करीब रहने से बीमारियां स्वतः ही ठीक होने लगती हैं। एक अनूठे योगिक अस्पताल में मरीजों को दवाओं की जगह बागवानी, रसोई कार्य और मिट्टी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ।

धरती से जुड़ने से ऊर्जा संतुलन बना रहता है और शरीर प्राकृतिक रूप से स्वस्थ होता है। आज के दौर में ऊंची इमारतों और आधुनिक जीवनशैली ने हमें प्रकृति से दूर कर दिया है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले रही हैं। अगर आप भी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो रोजाना कम से कम 30-45 मिनट तक मिट्टी और प्रकृति के संपर्क में रहें।

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