नॉर्थ इंडिया में कड़ाके की सर्दी का असर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोग आमतौर पर घरों से बाहर निकलने से बचते हैं। हालांकि, कुछ लोग इस मौसम का इस्तेमाल रनिंग जैसी शारीरिक गतिविधियों के लिए करते हैं। लेकिन सर्दी में दौड़ने से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
'जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट एंड हेल्थ साइंस' के एक अध्ययन में यह पाया गया कि सर्दियों में दौड़ने से न केवल विटामिन डी का स्तर बढ़ता है, बल्कि यह शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देने का एक अच्छा तरीका भी है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में बाहर दौड़ना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते आप सुरक्षा का ध्यान रखें।
हालांकि, ठंड के मौसम में दौड़ने से पहले कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। सबसे पहले, आपको पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने चाहिए और मौसम के अनुसार तैयारी करनी चाहिए। बर्फीली या गीली सतहों से बचना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि यह गिरने का खतरा पैदा कर सकते हैं। यदि आप सर्दियों में दौड़ने का मन बना रहे हैं, तो सुरक्षा को प्राथमिकता दें और सही सावधानी के साथ इसे आनंददायक और सुरक्षित बना सकते हैं।
ठंड में रनिंग करते समय इन बातों का रखें ख्याल
• गिरना: बर्फबारी और हिमपात के कारण जोड़ों और स्नायुबंधन में चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।
• शीतदंश: ठंडे तापमान के प्रभाव से आपकी त्वचा और ऊतक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
• हाइपोथर्मिया: ठंडी हवा, गर्म हवा की तुलना में शरीर से गर्मी खोने की प्रक्रिया को तेज़ी से बढ़ा सकती है, जिससे हाइपोथर्मिया का जोखिम बढ़ जाता है।
• चोट लगना: ठंड में दौड़ने से अगर सही तरीके से तैयारी न की जाए तो चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।
• दिल रहता है हेल्दी: रोजाना केवल 10 मिनट दौड़ने से दिल स्वस्थ रहता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है और दिल की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है। दौड़ने से मांसपेशियां तेजी से खून पंप करती हैं, जिससे दिल को लाभ होता है। इसलिए, रोजाना कुछ मिनट दौड़ना बेहद फायदेमंद है।
• वजन घटाना: मोटापा घटाने के लिए पैदल चलने से कहीं ज्यादा दौड़ना प्रभावी है। रोजाना कुछ मिनट दौड़ने से फैट जल्दी बर्न होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है। दौड़ने से पेट की चर्बी कम की जा सकती है, क्योंकि यह अधिक कैलोरी बर्न करता है, जो वजन घटाने के लिए बेहद जरूरी है।
• हैप्पी हॉरमोन बढ़ते हैं: दौड़ने से शरीर में हैप्पी हॉरमोन का स्तर बढ़ता है, जिससे मानसिक स्थिति बेहतर रहती है। दौड़ने के दौरान एचजीएच (ह्यूमन ग्रोथ हॉरमोन) का उत्पादन होता है, जो शरीर को खुश और स्वस्थ बनाए रखता है। नियमित रूप से दौड़ने से न केवल ऊर्जा मिलती है, बल्कि बढ़ती उम्र को भी कम किया जा सकता है।
• नींद में सुधार: जिन्हें नींद न आने की समस्या है, उनके लिए दौड़ना फायदेमंद हो सकता है। रोजाना सिर्फ 10 मिनट की दौड़ या कार्डियो एक्सरसाइज से न केवल नींद का पैटर्न सुधरता है, बल्कि नींद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। दौड़ने से शरीर में गहरी और शांत नींद आती है, जिससे आप रात भर ताजगी महसूस करते हैं।