खोए में कई खतरनाक रासायनिक तत्व मिलाए जाते हैं। इनमें कागज, रिफाइंड तेल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, यूरिया, स्टार्च, माल्टोडेक्सट्रिन, सोडियम क्लोराइड, डिटर्जेंट, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और फॉर्मल्डेहाइड जैसे तत्व शामिल होते हैं। ये सभी सामग्री स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं, इसलिए खोए का सेवन करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है।
दिवाली में नकली मिठाइयों की समस्या दिवाली का त्यौहार आते ही बाजार में नकली मिठाइयों की भरमार हो जाती है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि इस समय मिठाइयों की मांग तेजी से बढ़ जाती है। खोए और दूध से बनी मिठाइयों में अक्सर मिलावट की जाती है। इसे आम भाषा में समझें तो, लागत कम और मुनाफा ज्यादा, जिससे बाजार में लोगों की मांग को पूरा किया जा सके।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि खोए में कई खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं, जैसे कागज़, रिफाइंड तेल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, यूरिया, स्टार्च, माल्टोडेक्सट्रिन, सोडियम क्लोराइड, डिटर्जेंट, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और फॉर्मलाडेहाइड। ये सभी सामग्री स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक साबित हो सकती हैं।
केवल इतना ही नहीं, ये तत्व कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए, दिवाली के इस पर्व पर मिठाइयों का चयन करते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से मिठाइयाँ खरीदें।
घटिया खोए का इस्तेमाल: मिठाई की गुणवत्ता पर सवाल
जब मिठाई की बात होती है, तो अक्सर घटिया खोए का उपयोग किया जाता है। कई दिनों से रखे हुए खोए को गरम कर ताजा दिखाकर बेच दिया जाता है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, क्योंकि ऐसा खोआ अक्सर गुणवत्ता की दृष्टि से inferior होता है।
इसके अलावा, मिठाइयों को आकर्षक दिखाने और महक देने के लिए कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
इसलिए, जरूरी है कि खाद्य पदार्थ खरीदते समय उनकी जांच-परख अवश्य करें। बेहतर है कि आप केवल भरोसेमंद दुकानों से शुद्ध और ताजे उत्पाद खरीदें, ताकि त्योहार का आनंद लेते समय स्वास्थ्य पर कोई खतरा न हो!
चांदी के वर्क वाली मिठाई सावधानी बरतें
दुकानों पर चांदी के वर्क की जगह एल्यूमीनियम की वर्क चढ़ाकर मिठाई बेची जा रही है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। इस वर्क की पहचान आसान है—यदि आप अंगुली से रगड़ते हैं, तो वर्क गायब हो जाती है।
फेलिक्स अस्पताल के निदेशक डॉ. डीके गुप्ता ने चेतावनी दी है कि त्योहारों के दौरान अपने मेहमानों को अत्यधिक रंगीन मिठाइयाँ न दें। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मिठाइयाँ कब बनाई गई थीं और उनका सेवन कब तक किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि दूध में यूरिया जैसी खतरनाक चीजों की मिलावट हो रही है, जो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
इसलिए, मिठाई खरीदते समय सावधानी बरतें और केवल प्रमाणित दुकानों से शुद्ध उत्पाद चुनें। अपनी और अपने प्रियजनों की सेहत का ध्यान रखें!
मिठाइयों में रंगों का खतरा कैंसर का भी जोखिम
मिठाइयों में रंगों का इस्तेमाल एक गंभीर चिंता का विषय है। यदि खाने वाले रंगों का उपयोग किया जाता है, तो यह घातक नहीं होता, लेकिन जानकारों के अनुसार, कई मिठाइयों में सामान्य रंगों का इस्तेमाल हो रहा है।
इन रंगों में कार्बन और भारी धातुएं हो सकती हैं, जो स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप एलर्जी, अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि लंबे समय तक ऐसी मिठाइयों का सेवन करने से कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
इसलिए, मिठाई खरीदते समय ध्यान रखें कि किस प्रकार के रंगों का उपयोग किया गया है। अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए हमेशा सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली मिठाइयां चुनें
मिलावटी खोए से बनी मिठाइयों से बीमारियों का बढ़ता खतरा
खतरनाक तत्व और उनके प्रभाव:
कास्टिक सोडा: इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
यूरिया: लिवर और किडनी के खराब होने का खतरा।
रंग: इनसे एलर्जी, अस्थमा, किडनी खराब होने और कैंसर का जोखिम बढ़ता है।
उबले आलू और शकरकंद: ये पेट खराब होने और आंतों में इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
बरतें सावधानी
रंग-बिरंगी मिठाइयां खरीदने से बचें: बाजार में मिलने वाली रंगीन मिठाइयां अक्सर हानिकारक रंगों और रसायनों से भरी होती हैं।
त्योहार के दिन घर पर ही मिठाई बनाएं: घर में ताजगी और गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
बाजार में बनी चीजों से परहेज करें: सुरक्षित विकल्प चुनें।
शुगर पेशेंट मिठाई खाने से बचें: स्वास्थ्य पर असर डालने वाली मिठाइयों से दूर रहें।