सीकर: 200 साल पुराने गढ़ को बना दिया लग्जरी होटल, कभी था खंडहर, अब एक रात का किराया 35 हजार

सीकर: 200 साल पुराने गढ़ को बना दिया लग्जरी होटल, कभी था खंडहर, अब एक रात का किराया 35 हजार
subkuz.com
Last Updated: 03 फरवरी 2024

इटली की मारिया ग्राजिया बलदान(77 वर्ष) अपने दोस्त के साथ राजस्थान के पर्यटक स्थलों को देखने आई थी। सीकर के 200 साल पुराने खंडहर दीपपुरा गढ़ को देखा, जिसमकी दीवारों पर शेखावाटी के हस्तशिल्प चित्र शैलियां और मांडने बने हुए थे. इन चित्रों ने हम दोनों दोस्तों को काफी आकर्षित किया। तब मारिया ने इसका नवीकरण(Renovation) करके टूरिस्ट प्लेस बनाने की ठान ली और राजस्थान टूरिज्म डिपार्टमेंट से 10 करोड़ रुपए में खरीद लिया। बताया कि अब इस स्थान पर विदेशों से बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं।

मारिया करती है, अलग-अलग देशों की यात्रा

Subkuz.com से बात करते हुए इटली की ज्वेलरी डिजाइनर मारिया ने भारत की संस्कृति में घुल-मिल जाने के सफर बताते हुए कहां कि राजस्थान में टूरिस्ट प्लेस बनाने का कोई प्लान नहीं था, सब अचानक हो गया. राजस्थान पर्यटन विभाग का स्लोगन- "जाने क्या दिख जाए" यह मारिया के जीवन पर सटीक बैठता है इटली की मारिया ने बताया कि सीकर में रहते हुए 8 साल हो गए. लेकिन अब 6 महीने इण्डिया में रहती है और 6 अलग-अलग देशों की यात्रा करती है।

मारिया ने बताया की अलग-अलग देशों की यात्रा ने मेरे जीवन को खुशहाल, शांतिमय और आंनदपूर्ण बनाया है. बताया कि 2015 में बेल्जियम के रहने वाले अपने दोस्त आर्किटेक्चर डिजाइनर फिलिप डी के साथ सीकर घूमने आई थी. दोनों ने शेखावाटी की हवेलियों का देखा तथा सीकर के अंतिम शासक राव राजा कल्याण सिंह के दीपपुरा गढ़ की दीवारों पर बनी हस्तशिल्प कला काफी पसंद आई।

गढ़ की दीवारों पर बनी हस्तशिल्प चित्र शैलियां

Subkuz.com की रिपोर्ट के अनुसार मारिया ने बताया कि 200 साल पुराना ऐतिहासिक दीपपुरा गढ़ गांव के बीचो-बीच खंडहर हालात में था. गढ़ सुनसान और जर्जर हालत में था. उस समय गढ़ के पास ऊंट, गाय, बकरियां और अन्य जानवर बैठे हुए थे. आस-पास के लोगों से पता चला कि यह गढ़ सीकर के अंतिम शासक राव राजा कल्याण सिंह की हवेली है और राजस्थान टूरिज्म डिपार्टमेंट के अंडर में है | मैंने और मेरे दोस्त फिलिप डी विलेगास ने गढ़ के अंदर जाकर देखा की यह अंदर से बहुत ही खूबसूरत था. गढ़ की दीवारों पर शेखावाटी के हस्तशिल्प चित्र शैलियां और मांडने बनाए हुए थे, जो बाहर से आने वालों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे।

मारिया ने करवाया गढ़ का रिनोवेशन

जानकारी के अनुसार मारिया ने बताया कि अपने दोस्त फिलिप के साथ गढ़ के रिनोवेशन(नवीकरण) की प्लानिंग कर इसे टूरिस्ट प्लेस बनाने की ठान ली और टूरिज्म डिपार्टमेंट से जानकारी लेकर 10 करोड़ रुपए में गढ़ को खरीद लिया।  इसके बाद 160 इटालियन और भारतीय शिल्पकारों ने 5 साल में गढ़ का रिनोवेशन किया।  2019 में कोरोना महामारी आने के बाद गढ़ 2 साल तक बंद रहा तथा  खुद भी इटली लौट गई थी।  2021 इंडिया वापस आकर गढ़ को शुरू किया। मारिया ने कहां कि रिनोवेशन के दौरान गढ़ का Logo भी डिजाइन करवाना था। इसलिए एक बार गढ़ के बाहर ऊंट को बैठे हुए देखा तो ऊंट को ही गढ़ का लोगो बना दिया।

टूरिस्टो को काफी पसंद आता है दीपपुरा गढ़

Subkuz.com की जानकारी के अनुसार दीपपुरा गढ़ 280 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इसमें 10 बेडरूम है. जिनका किराया अलग-अलग है क्योकि हर रूम की अलग खासियत है. गढ़ में 18 मीटर का बड़ा स्वीमिंग पूल, गार्डन, लाइब्रेरी, किचन और व्यू प्वाइंट टूरिस्ट को काफी आकर्षित करता है. दीपपुरा गढ़ में 5 इटालियन और 6 भारतीय शेफ खाना बनाते है.  गढ़ में फास्टफूड, फ्रूट, लंच, ब्रेकफास्ट, चाय, कॉफी और ड्रिंक्स मेहमानों को दिया जाता है। खास बात यह है कि यहां मिलने वाले फूड्स व ड्रिंक्स मार्केट से नहीं लाए जाते बल्कि यहीं तैयार किए जाते है और खाना पूरी तरह से हेल्थी व वेजिटेरियन होता हैं।

खबरों के अनुसार जिला पर्यटन अधिकारी अन्नू शर्मा ने बताया कि दीपपुर गढ़ का रिनोवेशन होने से शेखावाटी टूरिज्म को बढ़ावा मिला। गढ़ में फॉरेन टूरिस्ट्स का आना-जाना लगा रहता है, जो की शेखावाटी के किये सुखद है. इसके साथ ही विदेशी टूरिस्ट को शेखावाटी की चीजों को एक्सप्लोर करने का मौका भी मिल रहा हैं।

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