जानिए चीन का प्राचीन इतिहास और चीन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ,आप लोग भीअवश्य पढ़े |

जानिए चीन का प्राचीन इतिहास और चीन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ,आप लोग भीअवश्य पढ़े |
Last Updated: 19 मई 2024

चीन, जिसका आधिकारिक नाम 'चीनी जनवादी गणराज्य' (People's Republic of China) है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है जिसकी राजधानी बीजिंग है। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है और यह दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। 96,41,144 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ, यह रूस और कनाडा के बाद तीसरा सबसे बड़ा देश है। इतने विशाल क्षेत्रफल के कारण इसकी सीमा 15 देशों से मिलती है।

चीन की सभ्यता लगभग 5,000 वर्षों पुरानी है और यह एक समाजवादी गणराज्य है जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है। देश के 22 प्रांत, 5 स्वायत्त क्षेत्र, 4 नगरपालिका और 2 विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हैं। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन ने समाजवादी बाजार अर्थव्यवस्था को अपनाया है जिसमें पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनीतिक नियंत्रण सम्मिलित हैं।

 

चीन को माना जाता है महाशक्ति 

चीन को 21वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में देखा जाता है। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना 1 अक्टूबर 1949 को हुई, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर विजय प्राप्त की थी। हार के बाद कुओमिन्तांग ताइवान या चीनी गणराज्य में चले गए, जबकि मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने नियंत्रण स्थापित किया। चीन ताइवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र मानता है, जबकि ताइवान स्वयं को स्वतंत्र राष्ट्र कहता है। दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि मानते हैं।

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चीन की सभ्यता का लिखित इतिहास चार हजार वर्ष पुराना है और यहां विभिन्न प्रकार के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक ग्रंथ और पुरातन संस्कृति के अवशेष पाए गए हैं। चीन के प्राचीन भूगोल को समझने के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में चीन में तिब्बत, ताइवान, मंगोलिया और तुर्कमेनिस्तान के कई हिस्से शामिल हैं। प्राचीन काल में भारतीय संदर्भों में चीन को हरिवर्ष कहा जाता था जो जम्बूद्वीप के 9 प्रमुख देशों में से एक था।

जानिए चीन और भारत के व्यापारिक सबंध 

चीन और भारत के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध भी प्राचीन हैं। प्राचीन काल में चीन का रेशमी कपड़ा भारत में प्रसिद्ध था। महाभारत के सभापर्व में चीन के कीटज और पट्टज कपड़े का उल्लेख है। चीन का पहला प्रत्यक्ष राजवंश शांग राजवंश था, जो पूर्वी चीन में 18वीं से 12वीं सदी ईसा पूर्व में पीली नदी के किनारे स्थित था। इसके बाद किन राजवंश ने 221 ईसा पूर्व में चीन का पहली बार एकीकरण किया।

हान राजवंश (206 ईसा पूर्व से 220 ईस्वी) के दौरान चीन की संस्कृति पर महत्वपूर्ण छाप पड़ी जो अब तक मौजूद है। इसके बाद सुई, थांग और सोंग राजवंशों के शासन के दौरान चीन की संस्कृति और विज्ञान अपनी चरम पर पहुंच गए। 1271 में मंगोल सरदार कुबलय खां ने युआन राजवंश की स्थापना की, जिसे बाद में मिंग राजवंश ने 1368 में समाप्त कर दिया। 1911 तक क्विंग राजवंश ने चीन पर राज किया, जो चीन का अंतिम राजवंश था।

1911 में डॉ. सन यत-सेन के नेतृत्व में राष्ट्रवादियों ने राजशाही का अंत करके चीनी गणराज्य की स्थापना की। इसके बाद चीन में अशांति का माहौल रहा। 1928 में जनरल चियांग काई-शेक ने क्योमिंतांग की स्थापना की और अधिकांश चीन पर नियंत्रण कर लिया। 1949 में चीनी सिविल वॉर में कम्युनिस्ट पार्टी ने विजय प्राप्त की और पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की।

1960 के दशक में कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के कारण चीन में भयंकर सूखा पड़ा जिसमें 2 करोड़ लोग मारे गए। 1978 में आर्थिक सुधारों के बाद चीन दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होने वाले देशों में शामिल हो गया। 1998 में प्रधानमंत्री झू रोंगजी ने राज्य संचालित कंपनियों के निजीकरण के लिए आर्थिक उदारीकरण की नीति लागू की।

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