वसंत पंचमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन ऋतुराज वसंत के आगमन का प्रतीक है, जब प्रकृति अपने नए रंगों और ऊर्जा से भर जाती है। इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह फसलों की पकने और सरसों के खिले फूलों का प्रतीक है। लोग इस दिन पीले वस्त्र पहनते हैं, मां सरस्वती की पूजा करते हैं और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
इनमें से एक खास व्यंजन है रवा केसरी, जो न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि इस त्योहार की खुशियों को दोगुना कर देता है। रवा केसरी का हल्का और मीठा स्वाद त्योहार की रौनक में चार चांद लगा देता है। यह व्यंजन बनाने में आसान और जल्दी तैयार होने वाला होता है, और खासतौर पर वसंत पंचमी के दिन इसे बनाने का अपना ही मजा होता हैं।
रवा केसरी बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
* 1 कप रवा (सूजी)
* 1 कप चीनी
* 4 कप दूध
* 2-3 हरी इलायची (पिसी हुई)
* केसर के कुछ धागे (भिगोए हुए)
* 2 बड़े चम्मच घी
* बादाम और किशमिश (सजावट के लिए)
रवा केसरी बनाने की विधि
* रवा केसरी बनाने की प्रक्रिया बेहद सरल और स्वादिष्ट है। सबसे पहले, केसर के धागों को 2 बड़े चम्मच गर्म दूध में भिगो दें, ताकि केसर का रंग और स्वाद दूध में अच्छे से घुल सके।
* फिर एक कड़ाही में घी गर्म करें और उसमें रवा डालकर मध्यम आंच पर भूनें। रवा को तब तक भूनें, जब तक इसकी खुशबू न आने लगे और यह हल्का सुनहरा न हो जाए। ध्यान रखें कि रवा जलने न पाए।
* अब कड़ाही में धीरे-धीरे दूध डालें और लगातार चलाते रहें, ताकि गांठ न बने। दूध डालने के बाद इसे मध्यम आंच पर पकने दें।
* जब रवा और दूध अच्छे से मिल जाएं और मिश्रण गाढ़ा होने लगे, तब इसमें चीनी और भीगा हुआ केसर डालें। अच्छे से मिलाकर 2-3 मिनट तक पकाएं।
* फिर इसमें पिसी हुई इलायची पाउडर डालें और अच्छे से मिला लें। इलायची के कारण रवा केसरी में अद्भुत सुगंध आएगी।
* अब रवा केसरी को एक बाउल में निकालकर ऊपर से बादाम और किशमिश से सजाएं। आप चाहें तो केसर के तार भी ऊपर से डाल सकते हैं।
* गरमागरम रवा केसरी परोसें और इसका स्वाद लें। यह व्यंजन वसंत पंचमी के त्योहार के साथ-साथ किसी भी खास मौके पर बनाया जा सकता है।