Diwali 2024 Recipes: दीपावली पर बनाएं ये पांच पारंपरिक मिठाइयाँ, जो सभी को कर देंगी खुश

Diwali 2024 Recipes: दीपावली पर बनाएं ये पांच पारंपरिक मिठाइयाँ, जो सभी को कर देंगी खुश
Last Updated: 2 घंटा पहले

दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव में विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, जैसे रसगुल्ला, रसमलाई, चम-चम, गुझिया और संदेश आदि। आइए जानते हैं कि दिवाली के इन पांच दिनों में किन-किन पारंपरिक मिठाइयों को आसानी से बनाया जा सकता है।

दीवाली रेसिपीज 2024 दिवाली का त्योहार मनाना हो और मिठाई की चर्चा न हो, ऐसा कैसे हो सकता है? हर साल दीपावली कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दरअसल, दिवाली की तैयारी घरों में लगभग एक महीने पहले से शुरू हो जाती है। इस दिन हर घर में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।

दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव के दौरान कई तरह की मिठाईयां तैयार की जाती हैं, जैसे रसगुल्ला, रसमलाई, चम-चम, गुझिया, संदेश आदि। आइए जानते हैं कि दिवाली के इन पांच दिनों में कौन-कौन सी पारंपरिक मिठाइयाँ आसानी से बनाई जा सकती हैं।

खोया की गुझिया

गुझिया, हालांकि होली पर बनाने की परंपरा है, लेकिन कई जगहों पर इसे दीपावली के अवसर पर भी बनाया और आनंद लिया जाता है। यह खोया, मेवे, चीनी और मैदा से बनी एक स्वादिष्ट मिठाई है।

इसकी तैयारी में, मैदे की छोटी पूड़ी के अंदर खोया और मेवों का मिश्रण भरा जाता है। फिर इसे गर्म तेल में डीप फ्राई किया जाता है, जिससे यह कुरकुरी और लजीज बन जाती है।

गुझिया न केवल स्वाद में अद्भुत होती है, बल्कि इसे त्योहारों के दौरान बनाना और परोसना एक विशेष अनुभव होता है। दीपावली पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ इसका आनंद लें

अनरसे

अनरसे एक पारंपरिक मिठाई है, जो मुख्यतः महाराष्ट्र में बनाई जाती है। इसे बनाने की प्रक्रिया तीन दिन पहले से शुरू होती है, जिससे इसका स्वाद और टेक्सचर बेहतर हो सके।

यह मिठाई चावल, चीनी और खसखस से बनाई जाती है। अनरसे की खासियत यह है कि इसका एक हिस्सा मुलायम होता है, जबकि दूसरा हिस्सा थोड़ा कुरकुरी बनता है। यही खासियत इसे लाजवाब बनाती है।

दीपावली पर अनरसे बनाना एक सुंदर परंपरा है, जो न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि त्योहार के जश्न को और भी खास बनाती है। परिवार और दोस्तों के साथ इसका आनंद लें

लड्डू

दिवाली के अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है, और इस मौके पर उन्हें लड्डू का भोग अर्पित किया जाता है। विशेष रूप से मोतीचूर के लड्डू भगवान गणेश को बहुत प्रिय होते हैं।

इन लड्डुओं को घर पर बनाना बेहद आसान है। इसके लिए मुख्य सामग्री बेसन और चीनी की जरूरत होती है। सबसे पहले, बेसन से बूंदी बनाई जाती है, जिसे फिर चाशनी में मैश कर लड्डू के आकार में तैयार किया जाता है।

इन लड्डुओं का स्वाद मीठा और अद्भुत होता है, जो न केवल पूजा में भोग के लिए उपयुक्त है, बल्कि त्योहार के आनंद को भी बढ़ाता है। दिवाली पर परिवार के साथ मिलकर मोतीचूर के लड्डू बनाना और उनका आनंद लेना एक खास अनुभव होता है

कलाकंद

दिवाली के पावन पर्व पर लक्ष्मी पूजा के समय सफेद दूध की मिठाई, जिसे कलाकंद कहा जाता है, का भोग अर्पित किया जाता है। यह मिठाई उत्तर भारत में अत्यधिक प्रसिद्ध है और इसे घर पर बहुत सरलता से बनाया जा सकता है।

कलाकंद बनाने के लिए मुख्य सामग्री दूध, खोया या पनीर की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, दूध को उबालकर गाढ़ा किया जाता है, फिर उसमें खोया या पनीर मिलाया जाता है। इसे अच्छे से पकाकर, बाद में इसे एक प्लेट में सेट किया जाता है और छोटे टुकड़ों में काटकर सर्व किया जाता है।

इसकी मुलायम और स्वादिष्ट बनावट इसे खास बनाती है, और यह दिवाली के जश्न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। घर पर इसे बनाना और परिवार के साथ इसका आनंद लेना एक सुखद अनुभव होता है

मैसूर पाक

मैसूर पाक एक अत्यंत लजीज़ मिठाई है, जिसे विशेष रूप से दिवाली जैसे त्योहारों पर बनाया जाता है। यह मिठाई बेसन, चीनी, घी और मेवों के मिश्रण से तैयार की जाती है। इसकी एक खास बात यह है कि इसे घर पर बनाना बहुत आसान है।

भाई दूज के मौके पर, भाई का टीका करके उनके मुंह को मीठा करने के लिए मैसूर पाक एक परफेक्ट विकल्प है। इस मिठाई की हल्की कुरकुरी और मलाईदार बनावट इसे खास बनाती है।

मैसूर पाक का स्वाद हर किसी को पसंद आता है, और इसे बनाने का आनंद लेना भी एक सुखद अनुभव होता है। इस दिवाली, परिवार के साथ मिलकर इसे बनाएं और अपने प्रियजनों के साथ इसका आनंद लें

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