बॉलीवुड की मशहूर गायिका अल्का याग्निक, जिन्होंने अपनी दिलकश आवाज़ से लाखों दिलों को छू लिया, आज भी अपनी व्यक्तिगत ज़िंदगी को लेकर चर्चा में रहती हैं। 20 मार्च, 1966 को कोलकाता में जन्मी अल्का का सफर बेहद खास और प्रेरणादायक रहा है।
संगीत से जुड़ा बचपन
अल्का याग्निक का जन्म एक गुजराती संगीतकार परिवार में हुआ था। उनकी मां, शुभा याग्निक, खुद एक क्लासिकल सिंगर थीं और अल्का को संगीत की दुनिया में लाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। महज 6 साल की उम्र में कोलकाता आकाशवाणी पर भजन गाने वाली अल्का ने बहुत छोटी उम्र में संगीत का सफर शुरू कर दिया था।
सपनों का शहर मुंबई और शुरुआत की चुनौती
अल्का की मां ने उनके करियर को संवारने के लिए कड़ा संघर्ष किया। मुंबई आकर उन्होंने राज कपूर को एक पत्र लिखा, जिसके बाद प्यारेलाल ने अल्का की आवाज़ सुनी और उन्हें डबिंग आर्टिस्ट के रूप में मौका दिया। मात्र 14 साल की उम्र में अल्का ने फिल्म 'पायल की झंकार' का गीत गाया और फिर 'लावारिस' के सुपरहिट गाने 'मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है' से वह सबकी पसंद बन गईं।
हिट गानों की रानी
अल्का याग्निक का सफर 'तेज़ाब' के गाने 'एक दो तीन' से और ऊंचाइयों पर पहुंचा। इसके बाद 'कुछ कुछ होता है', 'हम है राही प्यार के', 'अकेले हम अकेले तुम' जैसे गाने उनके करियर के सुनहरे पन्ने बन गए।
दूरी के बावजूद रिश्तों की मिठास
अल्का याग्निक की निजी जिंदगी भी उनकी प्रोफेशनल लाइफ जितनी ही चर्चा में रही है। 1989 में उन्होंने शिलॉन्ग के बिजनेसमैन नीरज कपूर से शादी की। हालांकि, करियर के प्रति समर्पण ने उन्हें पति से अलग रहने को मजबूर कर दिया। पिछले कई सालों से दोनों अलग-अलग शहरों में रहते हैं, लेकिन यह दूरी उनके रिश्ते को तोड़ नहीं पाई। दोनों आज भी एक-दूसरे के सम्मान और प्यार को संजोए हुए हैं।
संगीत के लिए समर्पण, रिश्तों की मिसाल
अल्का याग्निक का यह अनोखा रिश्ता बताता है कि प्रेम सिर्फ पास होने से नहीं, बल्कि सम्मान और समझ से भी कायम रहता है। उनका समर्पण संगीत और परिवार दोनों के प्रति आज भी उनके फैंस के लिए प्रेरणा है। अल्का याग्निक आज भी अपनी आवाज़ से सबके दिलों में बसती हैं और उनका सफर यह बताने के लिए काफी है कि सच्चा प्यार और समर्पण किसी भी दूरी को पार कर सकता है।