धर्मेंद्र हर साल अपना जन्मदिन 8 दिसंबर मनाते हैं। 8 दिसंबर 1935 को लुधियाना के साहनेवाल गाँव में जन्मे धर्मेंद्र, बॉलीवुड के उन सितारों में से एक हैं जिनका करियर पांच दशकों से भी अधिक का है। हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय और चर्चित अभिनेता, जिन्होंने अपने अभिनय से लाखों दिलों में जगह बनाई, धर्मेंद्र का जीवन फिल्मी दुनिया में कई अहम मील के पत्थर की तरह हैं।
फिल्मी करियर एक स्टार से सुपरस्टार तक
धर्मेंद्र का फिल्मी सफर 1960 में शुरू हुआ था, जब उन्होंने अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म दिल भी तेरा, हम भी तेरे से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। हालांकि, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास प्रदर्शन नहीं कर पाई, लेकिन इसके बाद धर्मेंद्र की मेहनत रंग लाई। 1960 के दशक में कई रोमांटिक और एक्शन भूमिकाओं से वह दर्शकों के बीच मशहूर हो गए। खासकर फूल और पत्थर (1966) में उनकी एक्शन भूमिका ने उन्हें 'ही-मैन' के रूप में पहचान दिलाई। इसके बाद, उन्होंने मीना कुमारी के साथ कई हिट फिल्मों में काम किया, जिनमें काजल और फूल और पत्थर जैसी फिल्में शामिल हैं।
1970 के दशक में धर्मेंद्र ने अपनी फिल्मी यात्रा को और भी रोमांचक बना लिया। फिल्म शोले (1975), जिसमें उन्होंने वीरू का किरदार निभाया, न सिर्फ उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ, बल्कि यह फिल्म आज भी भारतीय सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है। इस फिल्म ने उन्हें एक्शन और ड्रामा दोनों क्षेत्रों में महारथी बना दिया। इसके बाद उन्होंने सत्यकाम, राजपूत और धरती वीर जैसी फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मंगवाया।
परिवार और व्यक्तिगत जीवन
धर्मेंद्र का निजी जीवन भी उतना ही दिलचस्प रहा है जितना उनका फिल्मी करियर। 1954 में उन्होंने प्रकाश कौर से शादी की, जिनसे उनके दो बेटे सनी देओल और बॉबी देओल पैदा हुए। 1970 के दशक में धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी से शादी की। उनका यह जोड़ा भी बॉलीवुड की सबसे मशहूर जोड़ियों में गिना जाता है, जिन्होंने शोले जैसी फिल्मों में साथ काम किया। उनके परिवार में दो बेटियां ईशा देओल और अहाना देओल भी हैं, जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हैं।
धर्मेंद्र के दोनों बेटे, सनी और बॉबी देओल, आज बॉलीवुड के प्रमुख अभिनेता हैं। उनकी बेटी ईशा भी एक सफल अभिनेत्री रही हैं। धर्मेंद्र के पोते करण देओल ने भी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा है और 2019 में पल पल दिल के पास फिल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की।
राजनीति में धर्मेंद्र की भूमिका
धर्मेंद्र का फिल्मी करियर जितना अद्भुत रहा, उतना ही उन्होंने राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी। भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर उन्होंने 2004 में बीकानेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वे 2009 तक संसद सदस्य रहे और इस दौरान उन्होंने कई बार अपने बयान और विचारों से सुर्खियां बटोरीं। हालांकि, राजनीति में उनका वक्त ज्यादा लंबा नहीं था, लेकिन यह भी उनकी बहुआयामी व्यक्तित्व को दर्शाता है।
सम्मान और पुरस्कार
धर्मेंद्र को उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। 1997 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला, जबकि 2012 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। इसके अलावा, उनके अभिनय को कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया हैं।
धर्मेंद्र का करियर और उनका जीवन भारतीय सिनेमा के इतिहास का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उनकी फिल्मों ने न केवल भारतीय दर्शकों को प्रेरित किया, बल्कि उन्होंने भारतीय सिनेमा को एक नया आयाम दिया। धर्मेंद्र की सफलता उनकी कड़ी मेहनत, संघर्ष और अनूठी प्रतिभा का परिणाम है, और आज भी वह बॉलीवुड के सबसे प्रिय और सम्मानित सितारों में से एक हैं।