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केसरी वीर: धर्म और आस्था की रक्षा में लहूलुहान हुए नायक, ट्रेलर ने जगाई देशभक्ति की ज्वाला

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'केसरी वीर' का ट्रेलर रिलीज होते ही दर्शकों के बीच उत्साह की लहर दौड़ गई है। ट्रेलर में दिखाई गई भव्यता, संवादों की गूंज और देशभक्ति की भावना ने इसे एक यादगार अनुभव बना दिया है। 

Kesari Veer Trailer: बॉलीवुड की ऐतिहासिक फिल्मों की श्रृंखला में एक और दमदार एंट्री हो चुकी है। फिल्म केसरी वीर का ट्रेलर रिलीज हो गया है और इसके साथ ही दर्शकों में एक नई ऊर्जा और जोश भर गया है। फिल्म का विषय न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी भारतीयों के दिलों को छूता है। निर्देशक प्रिंस धीमान द्वारा निर्देशित इस फिल्म में हिंदू आस्था के प्रतीक सोमनाथ मंदिर की रक्षा की गाथा को बड़े पर्दे पर उतारा गया है। 

फिल्म में सूरज पंचोली और आकांक्षा शर्मा मुख्य भूमिका में हैं जबकि सुनील शेट्टी और विवेक ओबेरॉय जैसे दिग्गज कलाकार भी दमदार भूमिका में नजर आएंगे।

ट्रेलर की शुरुआत में ही आस्था पर हमला

फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत एक उग्र संवाद से होती है, जिसमें आक्रमणकारी यह पूछते हैं, ये शिव कौन है? जवाब में मिलती है अपमानजनक व्याख्या - काला पत्थर है जिसमें भस्म लगाते हैं। इस संवाद से ही स्पष्ट हो जाता है कि फिल्म एक ऐसी कहानी है जिसमें धर्म, आस्था और संस्कृति पर हमला हुआ है और उसे बचाने के लिए महानायकों ने अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए।

ट्रेलर में सूरज पंचोली का प्रवेश बेहद प्रभावशाली है। उनके संवाद - हमारे राम की भूमि है, हमारे कृष्ण की भूमि है, हमारे शिव की भूमि है। हम राजपूतों के खून में हार लिखी ही नहीं, दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देते हैं। उनका किरदार एक ऐसे योद्धा का है जो आत्मसम्मान, संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए अपने खून की अंतिम बूंद तक लड़ता है।

ऐतिहासिक योद्धा हमीरजी गोहिल पर आधारित कहानी

'केसरी वीर' की कहानी 14वीं सदी के महान योद्धा हमीरजी गोहिल के जीवन से प्रेरित है, जिन्होंने तुगलक साम्राज्य की शक्तिशाली सेना के खिलाफ मोर्चा लिया था। सोमनाथ मंदिर पर हो रहे हमलों के बीच, उन्होंने धर्म की रक्षा को अपना कर्तव्य मानते हुए अंतिम सांस तक युद्ध किया। फिल्म में हमीरजी की वीरता, रणनीति और आत्मबल को जिस प्रकार दिखाया गया है, वह युवाओं को प्रेरित करने वाला है।

फिल्म का ट्रेलर न सिर्फ दमदार संवादों से भरा है बल्कि इसकी सिनेमेटोग्राफी भी अद्भुत है। युद्ध के दृश्य, तलवारों की चमक, लहू से सनी मिट्टी और मंदिर की भव्यता को जिस खूबसूरती से दिखाया गया है, वह इसे एक भव्य ऐतिहासिक फिल्म की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देता है। निर्देशक प्रिंस धीमान ने ऐतिहासिक तथ्यों और सिनेमाई कल्पना का ऐसा मेल प्रस्तुत किया है जो दर्शकों को 700 साल पुरानी वीरगाथा में खींच ले जाता है।

कलाकारों का अभिनय और संवाद

सुनील शेट्टी और विवेक ओबेरॉय जैसे मंझे हुए कलाकारों की मौजूदगी फिल्म को अतिरिक्त मजबूती देती है। सुनील शेट्टी एक परिपक्व योद्धा के रूप में नजर आते हैं जो अपने अनुभव से योद्धाओं को मार्गदर्शन देते हैं। वहीं विवेक ओबेरॉय एक धार्मिक संत की भूमिका में दिखाई देते हैं जो जनमानस को एकजुट कर युद्ध के लिए प्रेरित करते हैं।

धर्म रक्षा और संस्कृति का गौरव

केसरी वीर सिर्फ एक युद्ध गाथा नहीं, बल्कि यह एक संदेश है - अपने धर्म, अपनी संस्कृति और अपनी जड़ों की रक्षा के लिए हर पीढ़ी को तैयार रहना चाहिए। फिल्म इस बात को बड़ी खूबसूरती से दर्शाती है कि जब भी आस्था पर संकट आता है, तब-तब भारत की भूमि ऐसे नायकों को जन्म देती है जो दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देते हैं।

केसरी वीर को 16 मई 2025 को भारत सहित दुनिया के कई देशों में रिलीज किया जाएगा, लेकिन पाकिस्तान में इसे रिलीज नहीं किया जाएगा। इसके पीछे स्पष्ट कारण है कि फिल्म का विषय धार्मिक और ऐतिहासिक संघर्ष पर आधारित है, जो पाकिस्तान की राजनीतिक और धार्मिक संवेदनाओं से टकरा सकता है।

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