Reasons To Watch Deva: शाहिद कपूर की फिल्म ‘देवा’ क्यों है जरूरी देखना, 7 प्रमुख कारण

Reasons To Watch Deva: शाहिद कपूर की फिल्म ‘देवा’ क्यों है जरूरी देखना, 7 प्रमुख कारण
अंतिम अपडेट: 5 घंटा पहले

अगर आपने शाहिद कपूर की ‘देवा’ नहीं देखी, तो साल की शुरुआत में कुछ बड़ा मिस कर दिया। अगर 'क्यों' का सवाल है, तो यहां जानें वजहें।

Reasons To Watch Deva: शाहिद कपूर की फिल्म 'देवा' 31 जनवरी को रिलीज हो चुकी है और इसकी जबरदस्त चर्चा फिल्म इंडस्ट्री में हो रही है। ट्रेलर से लेकर अब तक, फिल्म ने दर्शकों को एक नई दिशा में सोचने के लिए मजबूर किया है। फिल्म जो दर्शकों को सिनेमाहॉल तक खींचने में सफल हो रही है, वो अपने हर एंगल से एक बेहतरीन मनोरंजन पैकेज पेश करती है। अगर आप इस फिल्म के बारे में सोच रहे हैं, तो यहां जानिए क्यों इसे जरूर देखना चाहिए।

1- वैसी नहीं है फिल्म जैसा आपने समझा था

फिल्म का ट्रेलर देखकर दर्शकों को लगता था कि यह एक साधारण एक्शन और मारपीट वाली कहानी होगी, लेकिन फिल्म आपको उससे कहीं आगे लेकर जाती है। सस्पेंस और ट्विस्ट्स से भरी यह फिल्म उन सभी के लिए एक सरप्राइज पैकेज साबित होगी जिन्होंने इसे सिर्फ एक्शन फिल्म समझा था।

2- थ्रिलर, एक्शन और सस्पेंस सब कुछ एक साथ

फिल्म में एक्शन और थ्रिलर का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है। इसमें गोविंदा की 'लाडला', जॉन अब्राहम की 'फोर्स', और 'आर राजकुमार' जैसे फिल्मों का फ्यूजन है, जिससे फिल्म में दर्शकों को हर तरह का एंटरटेनमेंट मिलता है।

3- मलयालम फिल्मों का असर (फिल्म का बेहद पॉजिटिव हिस्सा)

मलयालम फिल्मों के कंटेंट का असर 'देवा' पर भी साफ दिखाई देता है। यह फिल्म मलयालम डायरेक्टर रोशन एंड्र्यूज द्वारा बनाई गई है, जो अपनी फिल्म 'मुंबई पुलिस' से इंस्पायर्ड है। इसके बेहतरीन कंटेंट ने हिंदी दर्शकों के बीच मलयालम फिल्मों के प्रति जागरूकता बढ़ाई है।

4- डायरेक्शन

रोशन एंड्र्यूज ने फिल्म के निर्देशन में एक शानदार काम किया है। फिल्म का इंट्रोडक्शन राम गोपाल वर्मा की फिल्मों की झलक देता है और पूरे फिल्म में रिसर्च और सूझबूझ के साथ फिल्म को आगे बढ़ाया गया है। फिल्म के सस्पेंस और किरदारों के बीच कनेक्शन से पूरी फिल्म को और भी रोमांचक बना दिया गया है।

5- रिसर्च

फिल्म में जो डायलॉग्स और सीन हैं, वो बेहद गहरे रिसर्च के बाद डाले गए हैं। फिल्म के सस्पेंस और कनेक्टेड सीन दर्शकों को चौंका देंगे, जो बिना किसी अतिरिक्त हिंट के फिल्म की कहानी को समझने में मदद करेंगे।

6- बैकग्राउंड म्यूजिक

फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बेहद प्रभावी है। हालांकि यह साउथ की कुछ हालिया फिल्मों जैसे 'पुष्पा 2' और 'केजीएफ' जितना तेज़ नहीं है, लेकिन फिर भी यह फिल्म में थ्रिल और सस्पेंस को बनाए रखने में मदद करता है।

7- एक्टिंग

शाहिद कपूर की एक्टिंग फिल्म का सबसे मजबूत हिस्सा है। उन्होंने अपने किरदार में गजब का गुस्सा और भावनाओं को व्यक्त किया है, और पूरी फिल्म में उनका एंगर बेहद शांति से दिखता है। उनका अभिनय हर सीन में शानदार है, जो दर्शकों को जोड़ने में सफल रहता है।

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