Sushant Singh: सुशांत सिंह राजपूत की जयंती 21 जनवरी को मनाई जाती है। उनका जन्म 21 जनवरी 1986 को पटना, बिहार में हुआ था। सुशांत ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत टेलीविजन से की थी और बाद में बॉलीवुड में भी शानदार सफलता हासिल की थी।
उनकी जयंती के दिन, उनके प्रशंसक और साथी कलाकार सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनकी फिल्मों को याद करते हैं। सुशांत की जयंती एक ऐसा दिन होता है जब लोग उनके योगदान को सम्मानित करते हैं और उनके जीवन को श्रद्धांजलि देने के लिए उन्हें याद करते हैं।
सुशांत सिंह राजपूत, जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अभिनय क्षमता के लिए पहचाने जाते थे, ने छोटी सी उम्र में ही अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना ली थी। उनका जन्म 21 जनवरी 1986 को पटना, बिहार में हुआ था। एक छोटे से शहर से आकर उन्होंने खुद को एक अभिनेता के रूप में स्थापित किया और बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई।
टेलीविजन से फिल्म इंडस्ट्री तक का सफर
सुशांत ने अपने करियर की शुरुआत 2008 में स्टार प्लस के शो "किस देश में है मेरा दिल" से की थी। इस शो में उनका किरदार प्रीत ललित जुनेजा दर्शकों के बीच खूब लोकप्रिय हुआ। इसके बाद वह ज़ी टीवी के शो पवित्र रिश्ता में मानव दामोदर देशमुख के रूप में नजर आए, जो 2009 से 2011 तक प्रसारित हुआ और दर्शकों के बीच हिट हो गया। इस शो के बाद सुशांत को पहचान मिली, और उनकी एक्टिंग की तारीफ भी होने लगी।
2013 में, उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा और "काय पो छे!" फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने शुद्ध देसी रोमांस (2013), पीके (2014), डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी (2015) जैसी कई फिल्मों में काम किया। लेकिन 2016 में आई फिल्म "एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी" में महेंद्र सिंह धोनी का किरदार निभाकर उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बना ली। इस भूमिका के लिए उन्हें न केवल दर्शकों से, बल्कि आलोचकों से भी सराहना मिली।
सामाजिक कार्य और व्यक्तिगत जीवन
सुशांत ने सिर्फ अभिनय ही नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने Sushant4Education नामक एक पहल शुरू की, जिसके माध्यम से उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में मदद की। इसके अलावा, वह कुछ प्रौद्योगिकी कंपनियों के भी सह-संस्थापक थे, जो उनके उद्यमिता के जुनून को दर्शाते हैं।
उनका व्यक्तिगत जीवन भी चर्चा में रहा। वह अपनी पवित्र रिश्ता की सह-कलाकार अंकिता लोखंडे के साथ छह साल तक रिश्ते में थे, लेकिन 2016 में दोनों ने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला लिया। इसके बाद, सुशांत ने अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया और अपनी रुचियों को आगे बढ़ाया।
सुशांत का निधन
14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत का निधन मुम्बई में उनके घर पर हुआ। उनकी मृत्यु के बाद, इस मामले में कई सवाल उठे और जांच की प्रक्रिया शुरू हुई। शुरुआती तौर पर इसे आत्महत्या का मामला बताया गया, लेकिन उनके फैन्स और परिवार ने इसे हत्या मानते हुए सीबीआई जांच की मांग की। इस मामले में कई मोड़ आए, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने जांच की।
सुशांत के निधन के बाद उनके परिवार और प्रशंसकों के बीच गहरा दुख और शोक का माहौल था। उनके प्रशंसकों का कहना था कि वह एक बहुत ही सकारात्मक व्यक्ति थे और उनकी आत्महत्या का कारण मानसिक अवसाद हो सकता है। उनकी मौत के बाद, कई सितारों ने उनके योगदान की सराहना की और उनके जीवन को श्रद्धांजलि दी।
टीवी और फिल्मों में उनकी उपलब्धियाँ
सुशांत ने अपने करियर में कई बेहतरीन टीवी और फिल्मी किरदार निभाए। उन्होंने पवित्र रिश्ता में मानव का किरदार निभाकर टीवी इंडस्ट्री में धमाल मचाया, और फिल्मों में भी उनकी अभिनय की छाप छोड़ी। उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी (2016), छिछोरे (2019), और दिल बेचारा (2020) शामिल हैं, जो उनके अभिनय के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
अंतिम फिल्म दिल बेचारा
सुशांत की आखिरी फिल्म "दिल बेचारा" थी, जो उनके निधन के बाद रिलीज हुई। इस फिल्म में सुशांत के साथ संजना सांघी ने मुख्य भूमिका निभाई। फिल्म ने दर्शकों के दिलों को छुआ और सुशांत की एक्टिंग को श्रद्धांजलि स्वरूप माना गया।
निधन की जांच सीबीआई और अन्य एजेंसियाँ
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने जांच की जिम्मेदारी ली। सीबीआई और अन्य एजेंसियाँ इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं, लेकिन अभी तक इस मामले के सभी पहलुओं पर स्पष्टता नहीं आई है। उनके निधन के बाद से ही कई तरह के सवाल उठाए गए हैं, जिनका जवाब समय के साथ ही मिलेगा।
सुशांत सिंह राजपूत ने अभिनय और जीवन में अनगिनत पहलुओं को छुआ। उनका जीवन एक प्रेरणा था, और उनकी निधन से बॉलीवुड ने एक चमकता सितारा खो दिया। उनकी यादें उनके फैंस, परिवार और दोस्तों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनकी आखिरी फिल्म दिल बेचारा उन्हें श्रद्धांजलि देने का एक अहम तरीका बन गई हैं।