तुलसी के पौधे की पूजा हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, और इसे धार्मिक, आध्यात्मिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी पवित्र माना जाता है। तुलसी पूजा के दौरान दीपक जलाने का विशेष महत्व है, जिससे घर में सुख, समृद्धि, और शांति का वास माना जाता है। लेकिन तुलसी पर दीपक जलाने से जुड़े कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी है ताकि आपको इसके शुभ परिणाम प्राप्त हों। आइए जानते हैं तुलसी पूजा और दीपक जलाने से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
Tulsi Puja: तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और शुभ माना जाता है। इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। तुलसी की नियमित पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। लेकिन तुलसी पूजा और तुलसी पर दीपक जलाने से जुड़े कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है ताकि आपको केवल शुभ परिणाम प्राप्त हो। आइए जानते हैं तुलसी पर दीपक जलाने से जुड़े महत्वपूर्ण नियम।
तुलसी पर कब नहीं जलाना चाहिए दीपक?
तुलसी के पौधे की पूजा और इससे जुड़े नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, खासकर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार। आइए, इन महत्वपूर्ण नियमों और मान्यताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तुलसी पर दीपक जलाने के लिए विशेष नियम
रविवार का ध्यान रखें- रविवार के दिन तुलसी पर दीपक और जल अर्पित करना नहीं चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए व्रत करती हैं, और दीपक जलाने से उनके व्रत में विघ्न पड़ सकता है।
ग्रहण के समय- सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी पूजा और दीपक जलाना भी शुभ नहीं माना जाता। इस समय तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और इससे जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
पितृ पक्ष में ध्यान देने योग्य बातें
तुलसी का स्पर्श न करें- पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के पौधे को स्पर्श करने से बचना चाहिए। इस समय तुलसी का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
श्राद्ध पक्ष में सावधानी- श्राद्ध पक्ष के दौरान भूल से भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। ऐसा करने से पितृ नाराज हो सकते हैं, जिससे जीवन में कठिनाइयाँ बढ़ सकती हैं।