कॉमेडियन सुनील पाल के साथ हुई किडनैपिंग की घटना ने हर किसी को चौंका दिया। 2 दिसंबर को, हरिद्वार में एक इवेंट के लिए दिल्ली होते हुए जा रहे सुनील पाल का मेरठ में किडनैप कर लिया गया। पुलिस की गहन जांच में इस घटना का कनेक्शन बिजनौर से जुड़ा पाया गया। आरोपियों की पहचान लवी और अर्जुन कर्णवाल के रूप में हुई, जो बिजनौर के निवासी हैं।
इस मामले में मेरठ पुलिस ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और ज्वेलरी दुकानों से मिले वीडियो और बिल के आधार पर आरोपियों को ट्रैक किया। सोमवार रात, मेरठ पुलिस ने बिजनौर में स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक युवकों को हिरासत में लिया गया। हालांकि, मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
घटना की शुरुआत उस समय हुई, जब सुनील पाल मेरठ के एक ढाबे पर खाना खाने के लिए रुके। वहां तीन युवकों ने खुद को उनका फैन बताते हुए बातचीत शुरू की और नई कार दिखाने के बहाने उन्हें गाड़ी में बिठाया। इसके बाद उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी गई और करीब चार घंटे तक उन्हें मेरठ की सड़कों पर घुमाया गया। इस दौरान आरोपियों ने फिरौती की मांग की।
किडनैपर्स ने सुनील पाल के आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल कर मेरठ के दो ज्वेलर्स से लाखों की ज्वेलरी खरीदी। इन सभी खरीदारी का बिल सुनील पाल के नाम पर बना और भुगतान भी उनके मोबाइल से किया गया। इसके बाद आरोपी उन्हें मेरठ में छोड़कर फरार हो गए।
मुंबई लौटने के बाद, सुनील पाल ने सोशल मीडिया के जरिए इस घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और संदिग्धों की पहचान कर ली। बिजनौर पुलिस अब आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच में जुटी है।
यह घटना न केवल मशहूर हस्तियों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस को भी उजागर करती है। पुलिस की तत्परता से इस मामले में तेजी से प्रगति हो रही है और उम्मीद है कि मुख्य आरोपी जल्द गिरफ्तार होंगे।