World Bank पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर का बड़ा आर्थिक पैकेज देने वाला है। भारत ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और कहा कि पाकिस्तान इस पैसे का गलत इस्तेमाल कर सकता है। भारत FATF से भी बात करेगा।
Pakistan: पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान IMF ने तो मदद दी ही है, अब विश्व बैंक (World Bank) भी पाकिस्तान को एक बड़ा वित्तीय पैकेज देने की तैयारी में है। भारत सरकार ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है और अपनी चिंताएं जाहिर की हैं कि पाकिस्तान इन पैसों का गलत इस्तेमाल कर सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि क्या है पूरा मामला, भारत सरकार की आपत्तियां, और पाकिस्तान को मिलने वाली इस आर्थिक मदद की संभावित रूपरेखा।
पाकिस्तान को मिल सकता है 20 अरब डॉलर का बड़ा राहत पैकेज
विश्व बैंक जून 2025 में पाकिस्तान के लिए 20 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मंजूर कर सकता है। यह रकम IMF द्वारा पाकिस्तान को दी गई सहायता से लगभग तीन गुना ज्यादा है। इससे पहले IMF ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज के तहत मदद दी है, जिसमें से 2.1 अरब डॉलर पहले ही जारी हो चुके हैं। 9 मई 2024 को IMF ने पाकिस्तान को नया 1 अरब डॉलर का लोन भी अप्रूव किया था, जो पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए था।
भारत सरकार इस बड़े पैकेज को लेकर World Bank से बातचीत करेगी और साथ ही FATF (Financial Action Task Force) से भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने की मांग करेगी। भारत का मानना है कि पाकिस्तान इन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं करेगा बल्कि इसे आतंकवाद और डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में खर्च करेगा।
भारत सरकार का कड़ा विरोध
भारत सरकार का कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकी समूहों को समर्थन देने के लिए विदेशी सहायता का दुरुपयोग करता रहा है। भारत की चिंता यह है कि विश्व बैंक से मिलने वाला यह बड़ा पैकेज भी इसी तरह इस्तेमाल हो सकता है, जिससे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा होगा।
भारत की तरफ से यह भी कहा गया है कि IMF के पिछले डाटा से पता चलता है कि पाकिस्तान को मिली आर्थिक मदद का बहुत बड़ा हिस्सा हथियारों और सैन्य खर्च पर खर्च हुआ है, न कि आम जनता के विकास या आर्थिक स्थिरता पर। इसी कारण भारत ने IMF की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा से भी इस मुद्दे को उठाया था।
IMF से पाकिस्तान को मिली मदद और शर्तें
IMF ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के पैकेज के तहत सहायता दी है, जिसमें से अभी तक 2.1 अरब डॉलर जारी हो चुके हैं। 9 मई को पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का नया लोन भी मिला है, जो एक्सपैंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) का हिस्सा है। IMF ने बताया कि पाकिस्तान ने आर्थिक सुधारों के लिए सभी निर्धारित मानकों को पूरा किया है, जिस वजह से यह सहायता मिली है।
IMF का कहना है कि ये पैसे सीधे पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक को दिए जाते हैं, सरकार के खर्च के लिए नहीं। हालांकि, सरकार केंद्रीय बैंक से जरूरत पड़ने पर पैसा ले सकती है। IMF ने पाकिस्तान के लिए 50 शर्तें रखी हैं, जिनमें से 11 हाल ही में जोड़ी गई हैं, ताकि इस पैकेज का सही इस्तेमाल हो सके। साथ ही IMF ने भारत-पाक तनाव को भी इस कार्यक्रम के लिए जोखिम बताया है।
पाकिस्तान की स्थिति: आर्थिक संकट और बढ़ती चुनौतियां
पाकिस्तान फिलहाल गंभीर आर्थिक संकट में है। विदेशी निवेश कम हो रहा है, मुद्रास्फीति बढ़ रही है, और कर्ज चुकाने के लिए लगातार मुश्किलें आ रही हैं। ऐसे में पाकिस्तान के लिए IMF और World Bank जैसी बड़ी संस्थाओं से वित्तीय मदद बहुत जरूरी हो जाती है।
लेकिन भारत और कई अन्य देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पाकिस्तान आर्थिक मदद का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने या सैन्य बल मजबूत करने के लिए कर सकता है, न कि अपने आर्थिक सुधारों के लिए।
विश्व बैंक की भूमिका और भारत का कदम
विश्व बैंक जून 2025 में पाकिस्तान के लिए 20 अरब डॉलर के पैकेज को अप्रूव कर सकता है। भारत सरकार ने इस प्रस्ताव पर विश्व बैंक से बातचीत शुरू करने की योजना बनाई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सहायता आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न हो।
इसके साथ ही भारत FATF से भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने की मांग करेगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के वित्तीय लेन-देन पर कड़ी नजर रखी जा सके। भारत की यह रणनीति है कि पाकिस्तान को आर्थिक मदद तभी मिले जब वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए।