जेम्स बॉन्ड के कोड नेम पर लॉरेंस ने बनाई गैंग:पंजाब से जान बचाकर जोधपुर लाया था एक सरपंच, उसी को पहला पार्टनर बनाया

जेम्स बॉन्ड के कोड नेम पर लॉरेंस ने बनाई गैंग:पंजाब से जान बचाकर जोधपुर लाया था एक सरपंच, उसी को पहला पार्टनर बनाया
Last Updated: 07 अप्रैल 2023

लॉरेंस के पाकिस्तान और हथियारों की सप्लाई का कनेक्शन सामने आने के बाद NIA एक्टिव हो गई है। मंगलवार को प्रदेश के 23 जगह पर लॉरेंस के ठिकानों और गुर्गों के यहां दबिश दी गई और सर्च ऑपरेशन चलाया गया। बताया जा रहा है कि लॉरेंस कई विदेशी हथियार अपनी गैंग तक पहुंचा रहा था।

NIA की इस कार्रवाई में टीम ने जोधपुर से 45 किलोमीटर दूर बालेसर के पास भाटेलाई गांव और जोधपुर की सबसे पॉश सोसायटी वीतराग सिटी में दबिश दी। ये ठिकाने गैंगस्टर और मोस्ट वॉन्टेड कैलाश मांजू के थे। कैलाश मांजू ही सबसे पहले लॉरेंस को जोधपुर लेकर आया था।

बताया जा रहा है कि लॉरेंस को जब जयपुर लाया गया, उसके पहले से ही वह कैलाश मांजू के सीधे कॉन्टैक्ट में था। इसी कारण मांजू एनआईए की टीम के रडार पर आया। जोधपुर में दो ठिकानों पर एनआईए का सर्च ऑपरेशन करीब 5 से 6 घंटे चला, लेकिन मांजू जोधपुर में अपने फ्लैट से 20 दिन पहले ही फरार हो चुका था।

 

कैलाश ने ही तैयार किया नेटवर्क, बनाई 007 गैंग

दरअसल, साल 2016-2017 के समय लॉरेंस पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में ज्यादा एक्टिव था। यहां दुश्मनी बढ़ने के कारण उसे अपनी जान का खतरा लग रहा था। इस दौरान कैलाश मांजू लॉरेंस के कॉन्टैक्ट में था। जब मांजू को इसके बारे में पता लगा तो वह लॉरेंस को जोधपुर ले आया और, लॉरेंस को जोधपुर में कुछ दिनों के लिए छिपा कर रखा गया। लॉरेंस ने इसके बाद रंगदारी और फिरौती का नेटवर्क शुरू किया।

इस क्राइम बिजनेस में कैलाश मांजू लॉरेंस का पहला क्राइम पार्टनर बना। जब कैलाश लॉरेंस से जुड़ा तब वह भाटेलाई गांव का सरपंच था। इसी बीच दोनों ने हथियारों की तस्करी का नेटवर्क शुरू किया। जब लॉरेंस का नाम होने लगा तो उससे जुड़े लोगों ने हॉलीवुड फिल्म सीरीज जेम्स बॉन्ड के कोड नेम 007 के नाम से एक गैंग बनाई, यही गैंग लॉरेंस के लिए हथियारों की सप्लाई का काम करने लगी। इसके बारे में बताया जा रहा है कि जोधपुर के आस-पास अब भी ये गैंग एक्टिव है और हथियारों का काम देखती है।

 

रंगदारी के नेटवर्क के बाद सरपंची छोड़ी

लॉरेंस ने 2017 में जोधपुर से रंगदारी और फिरौती का नेटवर्क बनाना शुरू किया। इस दौरान कैलाश मांजू का नाम हुआ करता था। वह पिता की साख पर सरपंच बना था। कैलाश के पिता रामचंद्र भी सरपंच थे। वहां उसने अपनी सरपंची का गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया था। पैसों के लालच और वर्चस्व की होड़ में कैलाश मांजू लॉरेंस से जुड़ गया

कैलाश ने ही जोधपुर के टॉप बिजनेसमैन और रसूखदारों की लिस्ट लॉरेंस बिश्नोई को भेजी थीऔर रंगदारी मांगने का प्लान बनाया। इतना ही नहीं हर बार फायरिंग की प्लानिंग भी कैलाश ही करता था। 2017 में रातानाड़ा में एक बिजनेसमैन की हत्या के मामले में इन दोनों का कनेक्शन सामने आया था

 

कैलाश मांजू के वह मुकदमे जिसमें वह लॉरेंस का सहयोगी था

. कल्पतरु शॉपिंग सेंटर स्थित जैन ट्रैवल में फायरिंग का प्रयास।

. पाल रोड पर समन्वय नगर में डॉक्टर के मकान व सेक्टर-7 में ट्रैवल मालिक के मकान में फायरिंग।

. लाखों रुपए के लेन-देन के विवाद में शास्त्री नगर में रिलायंस मॉल के बाहर हिस्ट्रीशीटर दिनेश बंबानी पर फायरिंग।

. शास्त्री नगर में हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी के बंगले पर फायरिंग।

. सरदारपुरा सी रोड पर मोबाइल व्यवसायी वासुदेव इसरानी के मर्डर में भूमिका।

. बालेसर थाना क्षेत्र में रिश्तेदार राणाराम बिश्नोई पर हमले व वाहन जलाने में शामिल।

 

भतीजे की हत्या के बाद पता चला मांजू का ठिकाना और फिर फरार

. जोधपुर में 2 फरवरी को कैलाश मांजू के भतीजे राकेश मांजू पर विक्रम सिंह नांदिया गैंग ने हमला किया। ये हमला जोधपुर वीतराग सिटी में हुआ था। तभी पता चला कि कैलाश मांजू भी इसी सोसायटी के फ्लैट में रहता है। जब एनआईए की टीम को मांजू के बारे में पता चला तो इससे पहले ही मांजू वहां से फरार हो गया। 

 जोधपुर के सरदारपुरा के व्यवसायी वासुदेव इसरानी की हत्या लॉरेंस ने करवाई थी। इस मामले में लॉरेंस को जोधपुर लाई थी पुलिस। हत्या के इस मामले में कैलाश मांजू भी सहयोगी था।

 

सिद्धू मूसेवाला हत्या के मामले में भी जोधपुर कनेक्शन सामने आया था
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में जोधपुर से भी कनेक्शन सामने आया था। मूसेवाला को मारने के लिए हथियार पाकिस्तान के रास्ते हाेते हुए जोधपुर आने की बात सामने आई थी। यहीं से यह हथियार शूटर को दिए गए।

 

इतना ही नहीं मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह को कत्ल करने की धमकी देने वाला भी जोधपुर जिले के गांव काकेलव फिटकासी का महिपाल था। उसे भी दिल्ली के बहादुरगढ़ इलाके से पकड़ा था।। पुलिस की पूछताछ में सामने आया था कि उसने एजे बिश्नोई के नाम से इंस्टाग्राम पर ID बनाई थी। वह लॉरेंस के स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी(सोपू) ग्रुप को फॉलो करता था।

 

जयपुर क्लब में फायरिंग का कनेक्शन भी जोधपुर से
लॉरेंस की गैंग जोधपुर से हथियारों के नेटवर्क को ऑपरेट कर रही है। इसका खुलासा हाल ही में तब हुआ, जब पुलिस ने उसके एक गुर्गे उम्मेद सिंह को गिरफ्तार किया। सामने आया कि नकली नोट से ये लोग हथियार खरीदते थे। इसके अलावा उम्मेद सिंह का नाम जयपुर के जी-क्लब में हुई फायरिंग से भी जुड़ा है।

इधर, जोधपुर पुलिस ने हथियारों की सप्लाई के मामले में एक टीम को मध्य प्रदेश भी भेजा है। बताया जा रहा है कि इंदौर के बड़वानी से नकली नोट के जरिए हथियार खरीदते थे।

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