सरकार उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में उपभोक्ता मामले मंत्रालय 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर ई-जागृति ऐप लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। यह ऐप उपभोक्ताओं के लिए शिकायत दर्ज करने और न्याय प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाएगा।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया होगी डिजिटल और आसान
अब तक उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज करने के लिए राज्य या जिला उपभोक्ता फोरम में शारीरिक रूप से उपस्थित होना पड़ता था। लेकिन ई-जागृति ऐप की शुरुआत के साथ यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। उपभोक्ता मोबाइल फोन या ईमेल आईडी के जरिए शिकायत दर्ज कर सकेंगे। इसके अलावा, शिकायत से संबंधित दस्तावेज और फीस भी ऑनलाइन अपलोड किए जा सकेंगे।
वर्चुअल सुनवाई से होगी सहूलियत
ई-जागृति ऐप के माध्यम से उपभोक्ता घर बैठे ही अपनी शिकायत पर सुनवाई करवा सकेंगे। वर्चुअल सुनवाई के विकल्प से उपभोक्ताओं को बार-बार फोरम जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐप पर सुनवाई की तारीख, समय और प्रगति की जानकारी भी उपभोक्ता को मिलती रहेगी। इससे समय की बचत होगी और लंबित मामलों का निपटारा तेजी से किया जा सकेगा।
उपभोक्ता शिकायतों का वर्तमान परिदृश्य
देशभर में हर साल उपभोक्ता अदालतों और फोरम में पांच लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज होती हैं। इनमें से कई मामले महीनों तक लंबित रहते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को न्याय पाने में देरी होती है। ई-जागृति ऐप के आने से यह प्रक्रिया तेज होगी और उपभोक्ता अपने अधिकारों को लेकर अधिक सजग होंगे।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी लेंगे सुरक्षा की शपथ
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर ज़ोमैटो, आजियो और बिग बास्केट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ता सुरक्षा के लिए शपथ ले सकती हैं। इन कंपनियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उनके प्लेटफॉर्म पर केवल सुरक्षित और उपभोक्ताओं के लिए उपयुक्त उत्पाद ही उपलब्ध हों।
उपभोक्ताओं को न्याय की दिशा में क्रांतिकारी पहल
ई-जागृति ऐप और पोर्टल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को समय पर न्याय दिलाने और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति उन्हें सशक्त बनाना है। यह डिजिटल पहल उपभोक्ता न्याय प्रक्रिया को न केवल सरल बनाएगी, बल्कि अधिक प्रभावी भी बनाएगी।
उपभोक्ता अधिकारों को लेकर यह कदम सरकार की एक बड़ी पहल है। डिजिटल समाधान के माध्यम से उपभोक्ताओं को ठगी और अन्याय से बचाने की कोशिश की जा रही है। ई-जागृति ऐप का संचालन न केवल न्याय की प्रक्रिया को तेज करेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी बनाएगा।