50 साल पुरानी मस्जिद को गिराने की तैयारी, यूपी में 28 नवंबर के बाद चलेगा बुलडोजर

50 साल पुरानी मस्जिद को गिराने की तैयारी, यूपी में 28 नवंबर के बाद चलेगा बुलडोजर
Last Updated: 08 नवंबर 2024

बागपत के राजपुर खामपुर गांव में तालाब की भूमि पर स्थित मस्जिद को 28 नवंबर के बाद ध्वस्त किया जाएगा। तहसीलदार ने जानकारी दी कि यह मस्जिद पूरी तरह से तालाब की जमीन पर बनी हुई है। हाईकोर्ट के आदेश पर हुई सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया। मस्जिद के प्रबंधक पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अधिक जानकारी के लिए आप ऑनलाइन खोज सकते हैं।

राजपुर खामपुर: 28 नवंबर बाद मस्जिद गिराने का आदेश

राजपुर खामपुर गांव में 50 वर्ष पूर्व तालाब की भूमि पर मस्जिद का निर्माण करना महंगा साबित हुआ है। तहसीलदार अभिषेक कुमार सिंह ने जानकारी दी कि 28 नवंबर के बाद तालाब के ऊपर बनी इस मस्जिद को गिराया जाएगा। उन्होंने बताया कि निर्णय सुनाए जाने के बाद 30 दिन का समय देने की प्रक्रिया है, इसलिए मस्जिद को तुरंत नहीं गिराया जा सकता। इस प्रकार, 28 नवंबर के बाद मस्जिद गिराने की कार्रवाई की जाएगी। तहसीलदार ने यह भी स्पष्ट किया कि मस्जिद पूरी तरह से तालाब की भूमि पर स्थित है।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने राजस्व संहिता के आधार पर मामले की सुनवाई करने और उसका निस्तारण करने का आदेश दिया। इसके लिए 90 दिन का समय निर्धारित किया गया था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व रविंद्र सिंह राठी और एडीजीसी राजस्व नरेश कुमार ने बताया कि तहसीलदार ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि मस्जिद तालाब की जमीन पर स्थित है। इस टकिया वाली मस्जिद के मुतवल्ली यानी प्रबंधक फरियाद पुत्र वहीद पर 4,12,650 रुपये का अर्थदंड और 5,000 रुपये निष्पादन व्यय आरोपित किया गया था।

अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी,चार दिनों में 19 हजार रुपये वसूले

उत्तर प्रदेश में 50 साल पुरानी मस्जिद को गिराने की तैयारी जोरों पर है। 28 नवंबर के बाद बुलडोजर चलाने का फैसला लिया गया है। जानें इस विवादास्पद कदम के बारे में पूरी जानकारी और संभावित राजनीतिकक्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ नगर पालिका और पुलिस का अभियान लगातार चल रहा है। चार दिनों के भीतर, पालिका और पुलिस ने मिलकर 19 हजार रुपये का जुर्माना वसूला है। इसके साथ ही, सड़क पर रखा हुआ सामान भी जब्त किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान अभी और भी जारी रहेगा। वहीं, गुरुवार को अभियान की टीम को देखकर कई दुकानदारों ने अपने सामान को स्वयं ही समेटना शुरू कर दिया। नगर पालिका और पुलिस द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान धीरे-धीरे प्रभाव दिखाने लगा है। चौथे दिन जब टीम अतिक्रमण हटाने के लिए सड़क पर उतरी, तो व्यापारियों के फोन आपस में घनघनाने लगे। व्यापारी स्वयं ही दुकानों के बाहर रखे सामान को समेटने में जुट गए थे। इस दौरान, टीम ने हाईवे के किनारे खड़े ठेलों, रेहड़ों और दुकानदारों को हटाया, और कुछ के चालान भी किए।

सड़क किनारे खड़ी बाइकों, कारों और अन्य वाहनों को हटाने का कार्य जारी है। इस दौरान जिन वाहनों के चालक मौके पर उपस्थित नहीं थे, उनके खिलाफ पुलिस ने चालान भी किए। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा ने बताया कि अतिक्रमण हटाने का अभियान पिछले चार दिनों से चल रहा है और इसका प्रभाव अब दिखने लगा है। इस चार दिन में पालिका ने 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि पुलिस ने 9,000 रुपये का जुर्माना किया है।

पहले दिन हुआ था विरोध

जब टीम पहले दिन सड़क पर उतरकर अतिक्रमण हटाने का अभियान चला रही थी, तब कुछ दुकानदारों ने इसका विरोध किया था। इस दौरान अधिशासी अधिकारी और पुलिस ने उनके साथ बातचीत करके माहौल को शांत कर दिया था। इसके बाद से अब तक टीम का कहीं भी कोई विरोध नहीं हो रहा है। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि पुनः अतिक्रमण करने के मामले सामने नहीं रहे हैं।

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