पराली जलाने की घटनाओं के चलते पंजाब के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बेहद खराब हो गया है। बठिंडा, मंडी गोबिंदगढ़ और रोपड़ में एक्यूआई 400 से अधिक दर्ज किया गया है। अमृतसर और लुधियाना में भी एयर क्वालिटी की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। चंडीगढ़ की हवा भी बहुत खराब स्थिति में है, जहां रविवार को ग्रीन सिटी चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर 353 दर्ज किया गया।
पटियाला: हाल के दिनों में पराली जलाने की घटनाओं के कारण राज्य के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार बिगड़ता जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, खुले में सांस लेना भी खतरनाक हो गया है। रविवार को बठिंडा, मंडी गोबिंदगढ़ और रोपड़ में अधिकतम एक्यूआई 400 से अधिक (खतरनाक श्रेणी) दर्ज किया गया।
इस हवा में सांस लेना है बेहद खतरनाक
इस हवा में खुली जगह पर सांस लेना न केवल बीमार लोगों के लिए, बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी अत्यंत खतरनाक समझा जाता है। इसके अलावा, अमृतसर और लुधियाना में भी अधिकतम वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया है। अमृतसर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, पटियाला और रूपनगर में औसत AQI 200 से ऊपर दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है।
चंडीगढ़ की हवा की बेहद खराब स्थिति
आंकड़ों का अध्ययन करने पर यह स्पष्ट होता है कि पिछले पांच दिनों में अधिकांश जिलों में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 200 के पार है। राजधानी चंडीगढ़ में शनिवार के मुकाबले प्रदूषण फिर से बढ़ गया है और अब यहां की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है। रविवार को चंडीगढ़ का AQI 353 और दिल्ली का AQI 334 दर्ज किया गया। इस बीच, 84 लाख रुपये का जुर्माना और 3153 एफआईआर दर्ज की गई हैं। अब तक 2,957 मामलों में कुल 84,84,500 रुपये का जुर्माना वसूल किया जा चुका है।
84 लाख का जुर्माना, 3153 एफआईआर दर्ज
अब तक 2,957 मामलों में कुल 84,84,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इनमें से 63,92,500 रुपये का जुर्माना सफलतापूर्वक वसूल किया जा चुका है। इसके अलावा, 2,933 मामलों में रेड एंट्री की गई है और 3,153 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।
राज्य में रविवार को 345 स्थानों पर जली पराली
रविवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में 345 स्थानों पर पराली जलाई गई। इस प्रकार, राज्य में पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 6,611 तक पहुंच गई है। रविवार को पराली जलाने के सबसे अधिक 116 मामले संगरूर जिले से सामने आए। इसके अलावा, मानसा में 44, फिरोजपुर में 26, फरीदकोट में 24, मोगा में 24, और मुक्तसर में 20 मामले रिपोर्ट किए गए।
इसी तरह, बठिंडा में 16, पटियाला में 15, लुधियाना में 14, तरनतारन में 11, मलेरकोटला में 9, बरनाला में 5, फतेहगढ़ साहिब में 4, जालंधर में 4, कपूरथला में 4, नवांशहर में 3, और अमृतसर और गुरदासपुर में 22 मामले सामने आए हैं। इसके अतिरिक्त, होशियारपुर और मोहाली में भी 1-1 स्थान पर पराली जलाने की घटना हुई है।
रविवार को फिरोजपुर में पराली जलाने के 31 मामले दर्ज
फिरोजपुर जिले की वायु गुणवत्ता लगातार deteriorate होती जा रही है। रविवार को पुलिस ने पराली जलाने के 31 मामले दर्ज किए हैं। इस बीच, एयर क्वालिटी इंडेक्स 221 के स्तर तक पहुँच गया है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि हवा में पार्टीकुलर मैटर 2.5 की मात्रा 116 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक बढ़ गई है।