नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बम की झूठी कॉल के मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हम झूठी कॉल करने वालों की पहचान करके उन्हें नो फ्लाइंग लिस्ट में शामिल करेंगे। इसके साथ ही, विमानन कंपनियाँ अपने नुकसान की भरपाई आरोपियों से कराना चाहती हैं।
New Delhi: पिछले एक हफ्ते में लगभग 100 उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इनमें से सभी धमकियाँ झूठी थीं, जिसके कारण उड़ानों में काफी विलंब हुआ। इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। उनका कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालांकि, इस तरह की फर्जी कॉल करके आतंक फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए नियमों में आवश्यक संशोधन भी किए जाएंगे।
राम मोहन नायडू का बयान
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू ने यह भी बताया कि फोन कॉल आने के बाद हितधारकों के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें की गई हैं। अब विमान (सुरक्षा) नियमों में संशोधन पर विचार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना है जो इस प्रकार की धमकियाँ देते हैं और उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल करना है। इस तरह की झूठी धमकियों की संख्या में वृद्धि हुई है। 19 अक्टूबर को, केवल 24 घंटे के भीतर 11 विमानों में बम की धमकी मिली थी।
एक्शन मोड पर सरकार
राम मोहन नायडू के अनुसार, सरकार SUASCA एक्ट में संशोधन करने की योजना बना रही है। इस विषय पर अन्य मंत्रालयों के साथ भी बातचीत चल रही है। सरकार इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम यात्रियों की सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे। हमारा पूरा ध्यान स्थिति के आकलन पर है, क्योंकि यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है।
विमानों में बम की धमकी कॉल के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में गृह सचिव ने सीआईएसएफ के डीजी और बीसीएएस के डीजी से धमकी कॉल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की। मीटिंग में बीसीएएस के डीजी और सीआईएसएफ ने जांच की स्थिति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अधिकांश धमकी कॉल्स विदेशों से आ रही हैं।
एयरलाइंस ने क्या कहा?
विमानन कंपनियां बम की धमकी के फर्जी फोन कॉल से बहुत चिंतित हैं। इस तरह के कॉल के कारण उड़ानों में भारी देरी होती है और यात्रियों को भी काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि एयरलाइंस इस प्रकार के फोन कॉल से निपटने के लिए कड़े नियमों की जरूरत पर जोर दे रही हैं। उनके अनुसार, फर्जी बम धमकियों के कारण उन्हें जो आर्थिक नुकसान होता है, उसकी भरपाई आरोपियों से की जानी चाहिए।