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अली खान के सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद, गिरफ्तारी का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

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अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित टिप्पणी के कारण गिरफ्तार किया गया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जल्द सुनवाई होगी।

Ashoka University Professor Ali Khan: हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी का मामला अब भारत के सर्वोच्च न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। प्रोफेसर अली खान ने सेना के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर किए गए अपने एक पोस्ट के कारण विवाद में फंस गए हैं। इस पोस्ट को लेकर उन पर महिलाओं से जुड़ी संवेदनशील टिप्पणियां करने का आरोप लगा है। वहीं, अली खान ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी मानते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए सहमति जता दी है और जल्द ही इसपर फैसला होगा।

मामला क्या है?

अली खान, जो कि अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं, पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के महिला अफसरों पर टिप्पणी करने का आरोप लगा है। उनके इस सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दो एफआईआर दर्ज की गईं। पहली एफआईआर जठेड़ी के सरपंच की शिकायत पर दर्ज हुई, जिसमें आरोप है कि अली खान ने उनके सामने विवादित टिप्पणी की थी। दूसरी एफआईआर राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया के नोटिस की अवमानना को लेकर दर्ज की गई।

गिरफ्तारी और रिमांड

पुलिस ने अली खान को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके से गिरफ्तार किया और उन्हें राई थाने में लाया गया। उसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस ने 5 दिन के रिमांड की मांग की। कोर्ट ने फिलहाल 2 दिन के पुलिस रिमांड की मंजूरी दी है। अली खान के वकील कपिल देव ने अदालत को बताया कि उनके क्लाइंट ने कोई ऐसी बात नहीं कही जो देश विरोधी हो या विवादित हो। उन्होंने कहा कि अली खान के पोस्ट में देश की एकता और अखंडता की बात कही गई है, न कि कोई गलत टिप्पणी।

सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने रखा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 20 या 21 मई को करने की बात कही है। कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि आखिर दो एफआईआर क्यों दर्ज की गईं और क्या इन्हें एक में मर्ज नहीं किया जा सकता। पुलिस ने बताया कि दो अलग-अलग शिकायतें मिली थीं, इसलिए अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं।

अली खान का पक्ष

अली खान के वकील का कहना है कि उनके क्लाइंट ने जो सोशल मीडिया पोस्ट किया है, उसमें देश के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं है। उनका मानना है कि यह मामला गलत तरीके से बिगाड़ा जा रहा है और गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से हुई है। उन्होंने कहा कि अली खान केवल अपने विचार व्यक्त कर रहे थे और लोकतंत्र में हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है।

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