लोकसभा चुनाव 2024 के साथ आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भू हुए. पांच साल के बाद यहां अब सरकार बदलने जा रही है। टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू 12 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में TDP-JSP-BJP ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा हैं।
अमरावती: देश भर में हुए लोकसभा चुनाव के साथ आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी करवाए गए। यहां पर तेलुगु देशम पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी और जनसेना पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत के साथ विजयी हुए। बता दें कि टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू तीसरी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। पार्टी सूत्रों ने शुक्रवार (7 जून) को बताया कि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू गन्नावरम एयरपोर्ट के पास केसरपल्ली आईटी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे।
जगन मोहन रेड्डी को मिली हार
Subkuz.com की जानकारी के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह 2004 तक लगभग नौ साल तक इस पद पर रहे। साल 2004 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और उनकी जगह वाई एस राजशेखर रेड्डी मुख्यमंत्री चुने गए। संयुक्त राज्य को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विभाजित करने के बाद नायडू 2014 में नवगठित राज्य के पहले मुख्यमंत्री चुने गए। हालांकि 2019 के चुनाव में उन्हें हार झेलनी पड़ी. उनके स्थान पर वाईएसआरसीपी (युवाजना श्रामिका रैतु कांग्रेस पार्टी) प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने। अब पांच साल के बाद फिर से टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे।
भाजपा नेताओं का होगा अहम रोल
जानकारी के मुताबिक केंद्र में सरकार बनाने के लिए चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी एक अहम रोल निभा रही है, वहीं आंध्र प्रदेश की सरकार बनने में भारतीय जनता पार्टी अपना पूरा योगदान दिया है। दरअसल केंद्र में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगी दलों को मिलाने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में टीडीपी एक प्रमुख सहयोगी दल के रूप में केंद्र की सत्ता बनाने में बीजेपी का पूर्ण सहयोग कर रहा हैं। वहीं आंध्र प्रदेश में भी टीडीपी ने जनसेना पार्टी और बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी लड़ाई लड़ी थी। इसलिए आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार में भी भारतीय जनता पार्टी ने अहम भूमिका निभाई हैं।