Columbus

अयोध्या में राजा राम का भव्य दरबार: दूसरी प्राण प्रतिष्ठा के लिए सजी रामनगरी, जानिए अनुष्ठान और कार्यक्रम

अयोध्या में राजा राम का भव्य दरबार: दूसरी प्राण प्रतिष्ठा के लिए सजी रामनगरी, जानिए अनुष्ठान और कार्यक्रम
🎧 Listen in Audio
0:00

श्रीराम जन्मभूमि में 3 जून को सुबह 6:30 बजे से दूसरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुभ शुरुआत हुई। यह विशेष आयोजन 3 जून से 5 जून तक चलेगा। इस दौरान राम जन्मभूमि मंदिर के पहले तल पर स्थित राम दरबार सहित कुल आठ मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

Ayodhya Pran Prathistha: अयोध्या एक बार फिर आस्था, संस्कृति और भक्ति के ऐतिहासिक संगम का साक्षी बन रही है। 22 जनवरी 2024 को बालक रूप में स्थापित हुए रामलला के बाद अब 3 जून 2025 से भगवान श्रीराम को "राजा राम" स्वरूप में प्रथम तल पर प्रतिष्ठित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक परंपरा का पुनर्जागरण है, जो भारत की आत्मा से गहराई से जुड़ा है।

तीन दिवसीय यह भव्य समारोह 3 जून से प्रारंभ होकर 5 जून, गंगा दशहरा के पावन पर्व तक चलेगा। श्रीराम जन्मभूमि के पहले तल पर निर्मित दरबार में राजा राम के साथ माता सीता, अनुज लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सेवक हनुमान की भी प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। यह दरबार मंदिर परिसर का प्रमुख आकर्षण होगा, जहां आने वाले श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के राजसी रूप के दर्शन कर सकेंगे।

परकोटा में स्थापित हो रहे देवालय और देव विग्रह

राम मंदिर के चारों ओर निर्मित परकोटा में भी छह सहायक मंदिरों में देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है।

  • ईशान कोण में शिवलिंग
  • अग्नि कोण में श्रीगणेश
  • दक्षिण में हनुमान
  • नैरृत्य कोण में सूर्य देव
  • वायव्य कोण में भगवती मां
  • उत्तर में माता अन्नपूर्णा

इसके अतिरिक्त दक्षिण-पश्चिम कोने में शेषावतार की भी स्थापना की जा रही है। यह सभी मंदिर संपूर्ण मंदिर परिसर को एक दिव्य ऊर्जा से ओतप्रोत कर रहे हैं।

राजा राम के दरबार की विशेषताएं

राम मंदिर के प्रथम तल पर निर्मित दरबार में अब भगवान श्रीराम के राजसी स्वरूप के दर्शन होंगे। 380 फीट लंबाई, 250 फीट चौड़ाई और 161 फीट ऊंचाई वाला यह मंदिर पूरी तरह से नागर शैली में निर्मित है, जो भारतीय स्थापत्य कला की अद्भुत झलक प्रस्तुत करता है। 392 खंभे और 44 दरवाजों वाला यह मंदिर साज-सज्जा, शिल्पकला और आध्यात्मिक सौंदर्य का संगम है।

अयोध्या में उत्सव का माहौल

अयोध्या की गलियों से लेकर मंदिर परिसर तक भव्य सजावट और दिव्य रोशनी की चकाचौंध फैली हुई है। सरयू तट से निकलती कलश यात्रा, भजन-कीर्तन, वेदपाठ और धार्मिक अनुष्ठान पूरे नगर को एक अलौकिक वातावरण में रंग रहे हैं। दूर-दराज से आए श्रद्धालु दर्शन हेतु उमड़ पड़े हैं, और पूरे नगर में जय श्रीराम के गगनभेदी नारों की गूंज है।

इस बार अयोध्या के पंडितों ने निकाला मुहूर्त

22 जनवरी की पहली प्राण प्रतिष्ठा में जहां काशी के पंडितों ने मुहूर्त तय किया था, वहीं इस बार अयोध्या के प्रख्यात विद्वानों — पंडित प्रदीप शर्मा, राकेश तिवारी और रघुनाथ दास शास्त्री ने इस शुभ घड़ी का निर्धारण किया। पांच जून को गंगा दशहरा के दिन अभिजीत मुहूर्त (सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक) में राजा राम की प्रतिष्ठा की जाएगी।

चंदौली के विद्वान पंडित जयप्रकाश तिवारी के नेतृत्व में 101 वैदिक आचार्य आठों मंदिरों में एक साथ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं। यह आयोजन शास्त्रसम्मत, भव्य और अतुलनीय वैदिक पद्धतियों के अनुसार संपन्न हो रहा है।

दोबारा यजमान बने डॉ. अनिल मिश्र

22 जनवरी को हुए पहले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र को ही एक बार फिर यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वे सपत्नीक इस ऐतिहासिक क्षण में पुनः यजमान बने हैं, जो एक धार्मिक और सामाजिक सम्मान का विषय है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामएसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि अयोध्या में सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। 

हर प्रमुख स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है और सीसीटीवी, ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो।

Leave a comment