पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में शामिल बलवंत सिंह राजोआना को 3 घंटे की पैरोल दी, ताकि वह अपने भाई कुलवंत सिंह की अंतिम अरदास में शामिल हो सके।
Punjab News: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में दोषी ठहराए गए बलवंत सिंह राजोआना को 3 घंटे की पैरोल देने का आदेश दिया। यह पैरोल उन्हें अपने भाई कुलवंत सिंह राजोआना की अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए दी गई।
पैरोल के लिए हाई कोर्ट में दाखिल की गई याचिका
राजोआना ने अपनी याचिका में बताया कि उनके भाई कुलवंत सिंह राजोआना का 14 नवंबर को निधन हो गया था और उनके भोग की रस्म 20 नवंबर को लुधियाना के मंजी साहिब गुरुद्वारे में आयोजित की जा रही थी। इस मौके पर शामिल होने के लिए उन्होंने पैरोल की अर्जी दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के जस्टिस जी एस गिल ने यह आदेश जारी किया।
पहले जेल प्रशासन से खारिज हो चुकी थी अर्जी
इससे पहले, राजोआना ने पटियाला जेल के सुपरिटेंडेंट से भी पैरोल देने की अर्जी की थी, लेकिन यह अर्जी खारिज कर दी गई थी। इसके बाद, उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अस्थाई पैरोल की मांग की। अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए 20 नवंबर को 3 घंटे की पैरोल दी।
28 साल से जेल में हैं राजोआना
राजोआना 28 साल से अधिक समय से कस्टडी में हैं और 12 नवंबर तक वह कुल 28 साल, 9 महीने और 14 दिन की सजा काट चुके हैं। उन्हें 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी।
यह आदेश कोर्ट ने राजोआना के परिवार के एक सदस्य की मृत्यु के कारण पारित किया, ताकि वह अंतिम संस्कार के धार्मिक अनुष्ठान में सम्मिलित हो सकें।