1 जुलाई से औरंगाबाद पुलिस सभी थानों में कागज रहित अनुसंधान शुरू करेगी। प्राथमिकी का अनुसंधान कंप्यूटरीकृत होगा, साक्ष्य लैपटॉप में संग्रहीत होंगे, और आरोपपत्र ऑनलाइन दाखिल किए जाएंगे। न्यायाधीश भी ऑनलाइन अनुसंधान देख सकेंगे।
Bihar News: 1 जुलाई 2025 से औरंगाबाद पुलिस में सभी थानों में प्राथमिकी अनुसंधान पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड और पेपरलेस हो जाएगा। इसके तहत सभी अनुसंधानकर्ता अब लैपटॉप का उपयोग करके ऑनलाइन अनुसंधान करेंगे। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इस नए बदलाव को लेकर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप से अनुसंधान करने की विधि सिखाई गई।
लैपटॉप प्रशिक्षण और घटनास्थल से साक्ष्य संग्रहण
इस प्रशिक्षण सत्र में अनुसंधानकर्ताओं को यह बताया गया कि 1 जुलाई से सभी कांडों का अनुसंधान कंप्यूटराइज्ड होगा। अब घटनास्थल से मिले साक्ष्य भी लैपटॉप में संग्रहीत होंगे, जिससे मैन्युअल आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही न्यायालय में आरोपपत्र भी ऑनलाइन दाखिल होंगे, और न्यायाधीश भी केस से संबंधित पुलिस अनुसंधान या आरोपपत्र को ऑनलाइन देख सकेंगे।
सीसीटीएनएस से जुड़ी नई प्रणाली और इसके लाभ
इस नई प्रणाली के तहत सभी थानों को सीसीटीएनएस (Crime and Criminal Tracking Network & Systems) से जोड़ा गया है, जिससे कागज रहित अनुसंधान प्रक्रिया को प्रभावी बनाया जा सकेगा। अब पुलिस मुख्यालय भी कंप्यूटराइज्ड अनुसंधान की निगरानी अपने कार्यालय से कर सकेगा। यह कदम पुलिस कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता लाएगा।
कुछ अनुसंधानकर्ताओं को छोड़कर सभी को लैपटॉप मिलेगा
हालांकि, 55 वर्ष से अधिक आयु के अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप नहीं दिया जाएगा और वे कंप्यूटराइज्ड अनुसंधान का हिस्सा नहीं होंगे। इसके अलावा, जो अनुसंधानकर्ता सेवा संपुष्टि से पहले हैं, उन्हें भी यह जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। केवल सेवा संपुष्टि वाले अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप प्रदान किया गया है।
पुलिस अधिकारी का बयान
श्वेता कुमारी, जिला पुलिस की इंटरनेट मीडिया प्रभारी, ने कहा, "1 जुलाई से सभी अनुसंधानकर्ताओं को कंप्यूटराइज्ड अनुसंधान करना होगा, और इसके लिए लैपटॉप दिया गया है। यह प्रक्रिया पुलिस कार्यप्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने में मदद करेगी।"
कंप्यूटराइज्ड अनुसंधान के लाभ:
तेज़ और पारदर्शी अनुसंधान: ऑनलाइन साक्ष्य और केस ट्रैकिंग।
कम कागजी काम: मैन्युअल दस्तावेज़ खत्म होंगे।
समयबद्ध और कुशल प्रक्रिया: कोर्ट और पुलिस दोनों के लिए आसान जानकारी और रिपोर्टिंग।