Bihar Politics: आरजेडी के 4 लाख कार्यकर्ताओं का डेटा हुआ लीक, पार्टी में मचा बवाल, प्रशांत किशोर के पास कैसे पहुंचा ये डेटा?

Bihar Politics: आरजेडी के 4 लाख कार्यकर्ताओं का डेटा हुआ लीक, पार्टी में मचा बवाल, प्रशांत किशोर के पास कैसे पहुंचा ये डेटा?
Last Updated: 03 नवंबर 2024

बिहार में आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) के लगभग 4 लाख कार्यकर्ताओं का डेटा लीक होने की सूचना है, जिससे पार्टी में हलचल मच गई है। यह लीक डेटा जन सुराज द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है, जो आरजेडी के सदस्यों को अपने पक्ष में लुभाने का प्रयास कर रहा हैं।

पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के चार लाख सक्रिय कार्यकर्ताओं और नेताओं का डेटा लीक होने की घटना पर राजनीति गरमा गई है। यह मामला तब सामने आया जब जन सुराज पार्टी के कुछ सदस्य आरजेडी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को फोन करके उनकी जानकारी मांग रहे थे। इससे यह पता चला कि आरजेडी का डेटा लीक हो चुका हैं।

आरजेडी के आलाकमान इस विषय को गंभीरता से ले रहे हैं और अपनी जांच शुरू कर दी है। प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जन सुराज के लोगों की हैसियत क्या है, इस पर आरजेडी को कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे डेटा लीक हुआ हो या नहीं, पार्टी की जड़ें जनता में मजबूत हैं और आरजेडी के साथ लोग खड़े हैं।

मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि...

आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पार्टी की मजबूती का दावा करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि उसे कोई हिला नहीं सकता। उन्होंने यह भी कहा कि जनता का समर्थन आरजेडी के साथ है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी बिहार में सरकार बनाने के लिए तैयार है। तिवारी ने यह स्पष्ट किया कि कुछ लोग चर्चाएं करके अपनी राजनीतिक दुकान चलाना चाहते हैं, लेकिन जब समय आएगा, तो इन राजनीतिक दलों को अपनी असली हैसियत का पता चल जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिहार में आरजेडी सबसे बड़े दल के रूप में स्थापित है और यह सभी जानते हैं।

जन सुराज के प्रवक्ता अमित विक्रम ने दी प्रतिक्रिया

जन सुराज के प्रवक्ता अमित विक्रम ने आरजेडी के डेटा लीक मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशांत किशोर और जन सुराज की विचारधारा से प्रभावित होकर बिहार के लाखों युवा, आमजन और किसान एकजुट होकर पार्टी में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी के मन में "विकसित बिहार, शिक्षित बिहार" का एक ही संकल्प है। अमित विक्रम ने आरोप लगाया कि अन्य राजनीतिक दलों में परिवारवाद का बोलबाला है, जहां नेताजी के बाद उनके बेटे और फिर उनके पोते की बारी आती है, जो बिहार की राजनीति की एक परिपाटी बन चुकी हैं।

विक्रम ने यह भी स्पष्ट किया कि जन सुराज में परिवारवाद की जगह योग्यता के आधार पर टिकट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि लोग जन सुराज की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हो रहे हैं, तो उनका स्वागत है। उनका यह बयान पार्टी के विचारों और लक्ष्यों को स्पष्ट करता है और यह भी बताता है कि वे अपने समर्थकों की वैधता को कैसे देखते हैं।

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